कज़ाक लोककथा अनुवाद : आ. चारुमति रामदास कज़ाक लोककथा अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
कैसा भी हो, माता-पिता के लिए उनका बच्चा संसार का सबसे सुंदर बच्चा ही होता है।" कैसा भी हो, माता-पिता के लिए उनका बच्चा संसार का सबसे सुंदर बच्चा ही होता है।"
हिरण ने देखा कि उसके बच्चे को शिकारी बांधकर लिए जा रहा है। हिरण ने देखा कि उसके बच्चे को शिकारी बांधकर लिए जा रहा है।
पर मैं तुम्हारे धोखे में हरगिज नहीं आऊंगा। क्या तुम मुझे झांसा दे सकते हो पर मैं तुम्हारे धोखे में हरगिज नहीं आऊंगा। क्या तुम मुझे झांसा दे सकते हो
ऋतु ने तुम्हें अंतिम सलाम भेज अलविदा कहा है ऋतु ने तुम्हें अंतिम सलाम भेज अलविदा कहा है