पतीली भर आटा
पतीली भर आटा
वह हमेशा अपनी पड़ोसन के घर छोटी छोटी चीजें उधार लेने चली जाती थी l
कभी कटोरी भर तेल, तो कभी कप भर शकर यहाँ तक की कभी माचिस की दो चार तिलियाँ भी .. उसकी इस हरकत से उसकी पड़ोसन शैफाली बहुत परेशान थी l
कई बार वह झुमरी को भला बुरा भी बोल चुकी थी लेकिन बेचारी सब सहन कर लेती, करती भी क्या पति साथ छोड़ गया था - मन ही मन अपनी लाचारी और बेबसी को कोस कर रह जाती l हां थी वह संस्कारी और मेहनती l
उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उसके पाँव जम चुके थे, किसी की मोहताज नहीं रही थी वह l
एक रात अचानक सरकार ने घोषणा कर दी कि कोरोना के कारण पूरे देश में पन्द्र्ह दिन तक लाँक डाउन रहेगा .......और लाक डाउन धीरे धीरे आगे बढ़ता ही गया ..l
एक रात उसकी पड़ोसन के घर से जोर जोर से पति पत्नी के लड़ने की आवाजें आई तो वह कान लगाकर सुनने लगी पता चला की घर में आटा खतम हो चुका है और बच्चे भूख लगी भूख लगी चिल्ला रहे थे।
शैफाली का पति बोला जा पड़ोसन से ले ले .. वह गुस्से से और आग बबूला हो गई और बोली ..वो भिखारिन क्या देगी वह तो हमेशा हमारे यहाँ जरा जरा सी चीजें मांगने चली आती है ..
इतने में दरवाजे पर दस्तक हुई ..कौन है पूछते हुये शैफाली दरवाजा खोलने आई ... देखा तो दरवाजे पर झुमरी "पतीली भर आटा" लेकर खड़ी थी l
