Abhay singh Solanki Asi

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लघुकथा ... पेडागाँजी

लघुकथा ... पेडागाँजी

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फोटो गुगल से साभार ...कहानी का सत्य से कोई सरोकार नहीं 


 उसकी कुछ डिफरेंट टीचिंग स्टाइल को प्रिंसिपल बहुत पसंद करती थी। अपने केबिन में बुलाकर उसकी इस कौशलता की सराहना भी बहुत करती रहती थी।

एक दिन अपने पद का महत्व दिखाते हुये मीटिंग में प्रिंसिपल मेम ने उसे बोला सर आप वैसे तो बहुत अच्छा पढ़ाते हो ,फिर भी आप अपनी ''पेड़ागाॅगी'' को और मजबूत बनाइये।


 उसने कहा मेडम ''पेड़ागाॅगी'' नहीं वो पेड़ागाॅजी होता है !! 

 मैम ने खिसियाते हुए पुछा -- कैसे ? सर एक्सप्लेन कीजिये 


वह बोला मेडम जब ''जी'' के बाद ''आई'' या ''व्हाई'' हो तो उच्चारण ''ज'' होता है ''ग'' नहीं --

 मेडम ने मीटिंग समाप्त होते ही उसे फिर केबिन में बुलाया।

वह बहुत खुश होता हुआ अन्दर गया सोचा आज मेरे इस ज्ञान की तारीफ़ होगी l 

मेडम बोली " सीधे खड़े रहो और सुनो कल से मत आना। "      

                 ----असि--


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