वादे
वादे
ज़िन्दगी में न जाने कितनों से हम मिलते है।शायद असंख्य चेहरे देखते है।पता नही कितनो के साथ घूम आते है।सैकड़ो लोगो से मिलते बिछड़ते रहते है।यही ज़िन्दगी है।
यही दुनिया है।
लेकिन न इसी दुनिया के एक हिस्से में लाखों लोगों के बीच
एक वही सामान्य सा दिखने वाला,दो आंख,कान,एक नाक और मुंह वाला हमारी ज़िंदगी बन जाता है।
सभी चेहरों के बीच हम बस उसे ही ढूंढते है। उसको ही चाहते है।
जैसे लगता है शायद यही वो शख्स है जिसके लिए मैं अभी
इंतज़ार कर रहा था बरसो से।
बस यही ज़िन्दगी है।
तुमसे मेरा मिलना भी बिल्कुल ऐसा ही है।प्रेम में होना और प्रेम निभाना दो अलग चीज़े है।
मैं प्रेम में होकर प्रेम निभाना चाहता हूँ।
सुनो....!
तुम वो कविता हो जो किसी डाकिये ने लिखी होगी उन सब प्रेम पत्रों को पढ़ कर जिनका पता उसे आज तक नही मिला।
मैं तुम्हारे साथ मरना नही जीना चाहता हूँ। तुम्हारे साथ अपने जीवन के हर खुशी और दुःख को महसूस करना चाहता हूँ।
मैं आज ये वादा करना चाहता हूँ कि मैं तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा बिल्कुल तुम्हारे परछाई की तरह..।
वैसे मेरा मानना है कि प्रेम,वादे चॉकलेट, टेडी ये सभी किसी दिन के मोहताज़ नही है।
तुम्हारा खुश रहना मेरे लिए बहुत मायने रखता हैं।
तो आज के लिए इतना रहने देते है। कल फिर लिखना है।