पहले हाट बाजारों में ,आदि में जेब ही कटती थी ,अब मोबाईल के लिए जेबकतरे भी आगे आए है...... पहले हाट बाजारों में ,आदि में जेब ही कटती थी ,अब मोबाईल के लिए जेबकतरे भी आगे आए...
उसे हमेशा लगता था आज के ज़माने में सरकार फ़ालतू की तनख्वाह डाकिये को दे रही है, पर जब उसका अपाइंटमेंट... उसे हमेशा लगता था आज के ज़माने में सरकार फ़ालतू की तनख्वाह डाकिये को दे रही है, प...
इसमें लिख दिया है, माँ मैं ठीक हूँ। उन्हें तसल्ली हो जायेगी। इसमें लिख दिया है, माँ मैं ठीक हूँ। उन्हें तसल्ली हो जायेगी।
तो आज के लिए इतना रहने देते है। कल फिर लिखना है। तो आज के लिए इतना रहने देते है। कल फिर लिखना है।
"अच्छा?”मुझे दिखाओ कैसी होती थी चिट्ठी ?” "अच्छा?”मुझे दिखाओ कैसी होती थी चिट्ठी ?”
हिंदी गीतों में भी इन चिट्ठियों के महत्व को बखूबी स्थान दिया गया था। हिंदी गीतों में भी इन चिट्ठियों के महत्व को बखूबी स्थान दिया गया था।