कल रात जो पाप उससे हुआ था, अपने आंसुओं से उसे धोने का प्रयास करने लगा। कल रात जो पाप उससे हुआ था, अपने आंसुओं से उसे धोने का प्रयास करने लगा।
आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल फिर से "मेरी प्यारी संगिनी। आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल फिर से "मेरी प्यारी संगिनी।
सबसे मिलो जरूरतमंद का ख्याल रखो, एक दिन पाओगे कि सब तुम्हारे अपने ही हैं। सबसे मिलो जरूरतमंद का ख्याल रखो, एक दिन पाओगे कि सब तुम्हारे अपने ही हैं।
इसमें जनता किसी नेता से सवाल कर रही हो ? जरा सोच कर देखिए। इसमें जनता किसी नेता से सवाल कर रही हो ? जरा सोच कर देखिए।
सच्चा ज्ञान मनुष्य के श्रेष्ठ विचारों ओर आचरण की सभ्यता से प्रकट हो जाता है। सच्चा ज्ञान मनुष्य के श्रेष्ठ विचारों ओर आचरण की सभ्यता से प्रकट हो जाता है।
लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास डेल्फिनें लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास डेल्फिनें