वे खुद अपने बच्चों की भ्रूण हत्या करने से नही चुकते हैं तो हमारी परवाह क्या करेंगे। वे खुद अपने बच्चों की भ्रूण हत्या करने से नही चुकते हैं तो हमारी परवाह क्या करें...
कागज पर लिखा था- ‘कबूतर उड़ाने की आज़ादी’। कागज पर लिखा था- ‘कबूतर उड़ाने की आज़ादी’।
शो आ रहा था जिसमें दिखा रहे थे की पहले ज़माने में लोग किस तरह रहा करते थे, शो आ रहा था जिसमें दिखा रहे थे की पहले ज़माने में लोग किस तरह रहा करते थे,
मैंने हमने एक रोटी नहीं दिया और मैं मेरे एक बार मांगने पर उसने मुझे रोटी दी। मैंने हमने एक रोटी नहीं दिया और मैं मेरे एक बार मांगने पर उसने मुझे रोटी दी।
भोजन करते-करते उसे आत्मज्ञान प्राप्त हुआ, “जो उपलब्ध है… वही पर्याप्त है।” भोजन करते-करते उसे आत्मज्ञान प्राप्त हुआ, “जो उपलब्ध है… वही पर्याप्त है।”