ससुराल
ससुराल
"शगुनss कैसे हैं तेरे ससुराल वाले....बड़े अजीब हैं और हमारे जीजाजी वो तो माशाअल्लाह हैं .और तुम्हारी सास हर बात में झूठ बोलना...और तेरी ननद वो.।" विश्वास ने कटाक्ष किया।
"बस-बस अब तो बड़ी बुराइयाँ नजर आ रही हैं, जब मैंने कहा था कि अभी शादी नहीं करनी, मुझे पढ़ना है तब तो यही ससुराल तुम्हें स्वर्ग का द्वार लग रही थी ...रह रही हूँ आप सबकी बदौलत।"
भरी आँखों से माँ की तरफ देखते हुए इतना ही कह पाई शगुन।
