अँधेरे में मेरे दिमाग के उजाले और ज्यादा साफ हो गये। अँधेरे में मेरे दिमाग के उजाले और ज्यादा साफ हो गये।
कुल मिलाकर वह आंगन जैसे महिला-अत्याचार के जंगल में बना एक द्वीप-सरीखा था। कुल मिलाकर वह आंगन जैसे महिला-अत्याचार के जंगल में बना एक द्वीप-सरीखा था।
या तो खाने को एक रोटी नसीब हो जाए या फिर अवचेतन मन के साथ एक गहरी नींद। मैं नींद का चुनाव करता हूं। या तो खाने को एक रोटी नसीब हो जाए या फिर अवचेतन मन के साथ एक गहरी नींद। मैं नींद...
अपराध का पर्याय बन चुके करोटि की टीम के सभी प्रमुख सरगना काठमांडू पहुंच चुके थे। अपराध का पर्याय बन चुके करोटि की टीम के सभी प्रमुख सरगना काठमांडू पहुंच चुके थे।
उसको मित्र के धोखे के कारण हृदयाघात हुआ और परलोक सिधार गया। उसको मित्र के धोखे के कारण हृदयाघात हुआ और परलोक सिधार गया।
हमने अपनी पूरी कोशिश की लेकिन आपकी दोस्त सीमा को हम नही बचा पाये। हमने अपनी पूरी कोशिश की लेकिन आपकी दोस्त सीमा को हम नही बचा पाये।
ठीक ऐसा ही दर्द अल्लामा इकबाल की शायरी “शिकवा” में भी मिलता है।। ठीक ऐसा ही दर्द अल्लामा इकबाल की शायरी “शिकवा” में भी मिलता है।।
जिसको आज मैंने कहानी में शब्दों में बुनकर अपनी बात समझानी चाही है। जिसको आज मैंने कहानी में शब्दों में बुनकर अपनी बात समझानी चाही है।
कोरोना का दूसरा चरण राधू की सारी खुशियों को निगल गया। कोरोना का दूसरा चरण राधू की सारी खुशियों को निगल गया।
मुझे वनगमन करने कोई रोक नहीं सकता, तुम भी नहीं".. रामसरूप ने एकदम से फटकार लगाई। मुझे वनगमन करने कोई रोक नहीं सकता, तुम भी नहीं".. रामसरूप ने एकदम से फटकार लगाई।
बेटे के निमंत्रण को सुनकर पति-पत्नी दोनों खुश हो गए बेटे के निमंत्रण को सुनकर पति-पत्नी दोनों खुश हो गए
अवस्थी जी के अंतिम संस्कार के सभी कार्य पूर्ण हो चुके थे। अवस्थी जी के अंतिम संस्कार के सभी कार्य पूर्ण हो चुके थे।
मुख्य द्वार बंद करके उसके आगे बैनर लगा निकाले कर्मचारी अपना रोष प्रकट कर रहे थे। मुख्य द्वार बंद करके उसके आगे बैनर लगा निकाले कर्मचारी अपना रोष प्रकट कर रहे थे।
शाम होते ही अपनी आबरू को बचाने हम चार दीवारों में बंद हो जाते है। शाम होते ही अपनी आबरू को बचाने हम चार दीवारों में बंद हो जाते है।
कभी कभी किताबें बेच दी जाती है कुछ और बनने के लिए...! कभी कभी किताबें बेच दी जाती है कुछ और बनने के लिए...!
दोस्त, अगर मैं कभी इस दुनिया से चला गया तो यह तुम्हें मेरी याद दिलाएगा। दोस्त, अगर मैं कभी इस दुनिया से चला गया तो यह तुम्हें मेरी याद दिलाएगा।
अमीर हों या गरीब ईश्वर ने त्यौहार पर्व सभी के लिए बनाया है। अमीर हों या गरीब ईश्वर ने त्यौहार पर्व सभी के लिए बनाया है।
*लाज*भाग 1 *लाज*भाग 1
यह कोई कहानी नहीं बल्कि फैमिली कोर्ट के हर एक केस का मजमून है। यह कोई कहानी नहीं बल्कि फैमिली कोर्ट के हर एक केस का मजमून है।
करोटि ने अपराध के अपने तौर तरीकों में आमूल चूल परिवर्तन कर दिया। करोटि ने अपराध के अपने तौर तरीकों में आमूल चूल परिवर्तन कर दिया।