लेखिका- चारु रत्न
रोहन की वजह से जिंदगी में एक बार ही सही, उसने अपने लिए, साला भी सुन ही लिया। रोहन की वजह से जिंदगी में एक बार ही सही, उसने अपने लिए, साला भी सुन ही लिया।
कुमुद आज फिर एक बार सीना चौड़ा होने का कारण बनी थी, प्रफुल्ल के लिए। कुमुद आज फिर एक बार सीना चौड़ा होने का कारण बनी थी, प्रफुल्ल के लिए।
देर से ही सही कभी-कभी मेरी वो पुरानी सावित्री मिल ही जाती है।" देर से ही सही कभी-कभी मेरी वो पुरानी सावित्री मिल ही जाती है।"
क्या कहता कि तुम्हारे ऊपर हर चीज सूट करती है लेकिन कैसे बोल सकता हूँ पहली मुलाकात में क्या कहता कि तुम्हारे ऊपर हर चीज सूट करती है लेकिन कैसे बोल सकता हूँ पहली मुलाका...
आँगन में खाट पर बिछी हुई नई चद्दर घर की शान बढ़ा रही है। आँगन में खाट पर बिछी हुई नई चद्दर घर की शान बढ़ा रही है।
एक दिन तो सरोज पिताजी के सामने विष्णु को चोर साबित करने में भी कामयाब रही, एक दिन तो सरोज पिताजी के सामने विष्णु को चोर साबित करने में भी कामयाब रही,
उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आई। व्यवहार की भी कीमत है। उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आई। व्यवहार की भी कीमत है।
नई बीवी काफी अच्छी दिखती है और उतनी ही नखरेबाज भी नई बीवी काफी अच्छी दिखती है और उतनी ही नखरेबाज भी
धूप चाहे कितनी तेज हो उसे बेअसर कर देती है।" धूप चाहे कितनी तेज हो उसे बेअसर कर देती है।"
आज के बाद झूठ का कभी सहारा मत लेना और ना ही सच को छुपाने की कोशिश। आज के बाद झूठ का कभी सहारा मत लेना और ना ही सच को छुपाने की कोशिश।