जड़ों की ओर

जड़ों की ओर

1 min
485


बचपन में विश्वास ने आँगन में अमरूद का पौधा लगाया था, जो धीरे धीरे पेड़ बन रहा था। पहले खूब बतियाता पेड़ के साथ, फिर नौकरी के चलते शहर में बसेरा हो गया था। विश्वास और अमरूद के पेड़ दोनों की नजर आसमान पर थी।

विश्वास रिटायरमेंट के बाद गाँव लौट आया था। वो बूढ़ा हो चला था और अमरूद का पेड़ भी.....तभी तो दोनों अपनी जड़ों की ओर झुके जा रहे थे। 

दोनों फिर से बातें करने लगे थे। मुस्कुराने लगे थे। 



Rate this content
Log in