Shailaja Bhattad

Abstract

5.0  

Shailaja Bhattad

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सफाई

सफाई

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2 दिन से बीच पर घूमने के लिए जाने की योजना बन रही थी।विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए बच्चे व बड़े अपने बैग में खेल का सामान रख रहे थे।आखिर योजनाओं को फलीभूत करने का समय आ ही गया। सुबह 4:00 बजे ही सब लोग घर से निकल पड़े ताकि सूरज चढ़ने से पहले बीच को छोड़ सके और सन टेन से बच सके।

वहां पहुंचते ही बच्चों ने अपना सैंड आर्ट का सामान. बॉल ,क्रिकेट का सामान सभी जल्दी जल्दी निकाल कर खेलना शुरू कर दिया। कोई घरौंदा बनाता फिर लहरों के आकर उसे रेत में मिला देने का इंतजार करता , फिर सभी ने मिलकर पानी में वॉलीबॉल खेलना शुरू किया। यह सब सुबह 8:00 बजे तक चलता रहा तब तक बीच पर बहुत भीड़ इकट्ठा हो चुकी थी ।अब सभी ने कुछ देर आराम कर कुछ खाने का निर्णय लिया। और बीच पर ही बने रेस्टोरेंट में चले गए। अभी खाना चल ही रहा था कि, तभी सब से छोटे बच्चे आर्यन का ध्यान एक व्यक्ति पर गया जो चिप्स का खाली पैकेट बीच पर ही फेंक कर आगे बढ़ गया था। वह तुरंत उठा और उस व्यक्ति के पास पहुंच कर कहने लगा ,अंकल आपका कुछ सामान बीच पर पड़ा है कृपया उसे उठा लीजिए। पहले वह शख्स असमंजस की स्थिति में लगा फिर पीछे मुड़कर नीचे देखा लेकिन उसे कुछ भी नहीं दिखा। तब आर्यन ने रैपर की ओर संकेत किया। पहले तो वह शख्स गुस्से के भाव लिए आर्यन की ओर देखने लगा लेकिन जब देखा बहुत सी आँखें उसे गुस्से से घूर रहीं हैं , तो उसने चुपचाप रेपर उठाकर पास के डस्टबिन में डाल दिया। आर्यन थैंक्यू अंकल कहकर वापस रेस्टोरेंट में आकर बैठ गया । लेकिन यह क्या फिर से किसी दूसरे व्यक्ति ने वही हरकत दोहराई , लेकिन इस बार पानी की खाली बोतल, खाना, खाली रैपर, टूटी चप्पल उसने फेंकी थी।

इस बार भी आर्यन भागा, लेकिन उस व्यक्ति ने कुछ भी उठा कर डस्टबिन में डालने के लिए असहमति जाहिर की और अपनी कार की तरफ बढ़ गया। आर्यन के गुस्से का ठिकाना नहीं था। उसने वहां खड़े लोगों के साथ मिलकर सारा सामान उठाकर , उनके साथ उस व्यक्ति की कार की ओर बढ़ गए और छिपते छिपाते उस व्यक्ति की कार की डिक्की में सारा सामान डाल दिया ताकि उस व्यक्ति को यह एहसास हो सके कि, जब अपनी वस्तु गंदी होती है तो कैसा लगता है। वापस आकर उसने शांति की सांस ली और पुनः सब लोग बीच पर खेलने के लिए चल पड़े।


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