कलमकार सत्येन्द्र सिंह

Abstract Romance Inspirational

4.8  

कलमकार सत्येन्द्र सिंह

Abstract Romance Inspirational

नाज़

नाज़

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नाज़

 

राहुल मनुरा से विवाह करना चाहता था.

राहुल के प्रणय निवेदन को मनुरा बार-बार टाल रही थी.

आज साढ़े नौ साल बाद मनुरा ने हामी भर दी थी.

शादी के बाद एक दिन राहुल को मनुरा की डायरी मिली जिसमे दोनों की मुहब्बत की दास्तान भी दर्ज़ थी.

डायरी के अंत में इतने लम्बे इंतज़ार कराए जाने के बारे में दो पंक्तियाँ लिखी हुई मिली – "जो आसानी से मिल जाए वो हमेशा नहीं रहता...और जो हमेशा रहता है वह कब आसानी से मिलता है !"

राहुल को खुद पर आजीवन ठहरने वाला नाज़ हो रहा था.


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