Sagar Mandal

Horror Crime Thriller

5.0  

Sagar Mandal

Horror Crime Thriller

लोटरी

लोटरी

6 mins
780


शाम के करीब 7 बज रहे थे,सागर अपने घर मैं टीवी देख रहा था तभी उसका फ़ोन बजता है। उसने देखा तो एक अनजान नंबर था,उसने कॉल उठाया दूसरी तरफ से आवाज आती है '' क्या मैं सागर जी से बात कर रहा हु।" सागर ने बोला " हा मैं सागर बोल रहा हु आप कोन बोल रहे है ?" दूसरी और से आवाज आता है "सागर जी अपने 60 लाख की फ्लैट जीता है लॉटरी मैं,कृपा कर के अपना फ्लैट लेने का लिए हमारे सात संपर्क करे" तभी सागर बोलता है-"आपने मुझे पागल समझा है? बेबकुफ़ किसि और को बानिये" ये बोलते हुए सागर ने फ़ोन काट दिया। दूसरे दिन सुबहे जब सागर ऑफिस मैं काम कर रहा था तव फिर उसी नंबर से कॉल आया,सागर ने फ़ोन उठतेही बोला "आपको समझ मैं नहीं आता एक बार बोल दिया फिर भी बार बार फ़ोन क्यू कर रहे हैं ये बोल कर सागर ने फिर से कॉल काट दिया।

कॉल कटते ही सागर के फ़ोन मैं अस.ऍम.अस आता है जिसमें लिखा है “अगर आपको नहीं चाहिये फ्लेट तो हां या ना मैं जबाब दे” ये पढ़ने के बाद सागर ने सोचा एकबार देखने मैं क्या हर्ज़ है अगर झूठ हुआ तो मैं समझ ही जाऊंगा। ये सोच कर ऑफिस ख़तम होने के बाद सागर फ़ोन मैं भेजे गए पते पर जाता है जहा उसे एक बुढा आदमी मिलता है। सागर को देखते ही बुढा आदमी बोलता है “आइये सागर जी मुझे आपका ही इंतज़ार था” ये बोलकर वो बुढा आदमी सागर को एक मकान के अंदर लेके जाता है मकान के अंदर घुसते है सागर को टेबल के ऊपर जमीन के कागज देख कर यकीन होता है की वो फ़ोन कॉल झूठ नहीं था।

जमीन के कागजात ठीक करते करते रात के 8 बज जाते है उसके बाद वो बुढा आदमी सागर को फ्लेट दिखने लेके जाता है। कुछ ही दुरी मैं फ्लेट था सागर जब फ्लेट को देखता है वो बिश्वास नहीं कर पता अपनी आँखों पर,एक नया फ्लेट देखने मैं बोहत सुन्दर यहाँ तक की उस फ्लेट मैं पहले से सारा फर्नीचर भी था,ये देख कर सागर बोहत खुश होता है,वो बुढा आदमी सागर को बोलता है “क्या आपको फ्लेट पसंद आया ?” सागर मुस्कुराते हुए बोलता है “हां बोहत।”

बुढा आदमी बोलता है “आपको आपका फ्लेट मुबारक,आपको ऐसा फ्लेट मिला है जिस को छोड़ कर आप जा ही नहीं पाएंगे आछा अब मैं चलता हु” ये बोल कर बुढा आदमी वोहा से चला जाता है। सागर सोचता है क्यू ना ये खुश खबरी अपनी दोस्तों को दिया जाये ये सोच कर सागर अपनी दोस्त को कॉल लगता है। सागर रोहन को फ़ोन करके बोलता है “रोहन तू जहा भी है सुभम को लेके मैं एक पता भेज रहा हु वोह आ जा।’’

सागर के दिए हुए पते पर आकर रोहन सागर को फ़ोन लगता हे और बोलता है “ सागर तू कहा है हम तेरे दिए हुए पते पर आ गए है’’ सागर बोलता है हा “तुझे यहाँ एक नया फ्लेट दिख रहा होगा उस फ्लेट के 5 नंबर फ्लोर पे आजा।” रोहन सागर को गुस्सा होकर बोलता है “देख भाई मरे सात मजाक मत कर इतनी रात को तू हमे इस सुनसान जगह पर सिर्फ एक भुतिया महेल दिखने के लिए बुलाता है ,मजाक की हद होती है हम जा रहे हैं” ये सुनकर सागर बोलता है भाई मैं झूठ क्यू बोलूँगा तेरे से मैं सच मैं यहाँ एक फ्लेट मैं हु तू रुक मैं बेलकोनी मैं आ रहा हु’’ ये बलकार सागर बेलकोनी मैं आकर हात हिलाने लगा और वोला “मैं दिख रहा हु क्या’ रोहन ने बोला “नहीं भाई” ये सुनकर सागर ने बोला “रुक मैं विडियो कॉल लगा रहा हु” सागर विडियो कॉल लगते ही रोहन ने देखा की वो सच मैं एक फ्लेट मैं है। सागर ने बोला “देख ले भाई झूठ नहीं बोल रहा हु”। रोहन को कुछ अजीब लगा वो सागर को बोला “भाई तू पहले निचे आ उसके बाद सात मैं ऊपर जायेंगे।” ये सुनकर सागर ने जब दरवाजा खोल कर बहार जाने की कोशिस की किसी ने उसे बोहत जोर से खीच कर निचे गिरा दिया जिसके वजह से सागर के सर मैं चोट आई और खून निकलने लगा। फ़ोन हात से गिर चूका था पर कॉल चल रही थी,सागर की चीख सुनकर रोहन डर गया वो बोला “क्या हुआ सागर तुझे क्या हुआ” सागर रो रो के बोलने लगा “भाई मुझे बचाले भाई किसी ने मुझे बोहत जोर से निचे गिरा दिया मेरे सर से खून निकल रहा है लगता है मैं बच नहीं पाउँगा” ये सुनकर रोहन और सुभम उस महेल की दरवाजा तोड़ने का कोशिस करने लगे लकिन तभी सागर की सर मैं किसि ने लोहे के रोड से मार दिया और सागर वोही मर गया,रोहन और सुभम ने दरवाजा तोर कर देखा अंदर कुछ नहीं है उन्होंने पुलिस को फ़ोन लगाया पर सागर की लाश तक नहीं मिली। आखिर सागर का लाश कहा था,वो क्यू मारा गया ?

ये जानने के लिए हमें एक साल पीछे जाना होगा।

 सुभाष एक 63वर्ष का बुजुर्ग आदमी पेसो के लिए जगह जगह घूम रहा था क्यू की उसका लड़का हॉस्पिटल मैं भर्ती था,10 दिन पहले उनके लड़के को गारी ने टक्कर मर दी। लड़के को बाचाने के लिए बोहत पैसे चाहिये थे उसका ओपरेशन जो करना था पर रिटायर होने के बाद एक मध्यब्र्त्या परिबार के पास इतना पैसा कहा से आये। फिर एक दिन शुभाष के फ़ोन मैं एक कॉल आया कॉल के दूसरी तरफ से एक इंसान ने बोला “सुभाष जी क्या आपको लोन चाहिय,हमारा एक चैरिटी हे जहा हम लोगो को कम ब्याज मैं लोने देते है। एक लाचार बाप जो अपने बेटे के लिए इतना दिन से घूम रहा था की कोई उसे मदद करे वो ये सुन कर रह न पाया। सुभाष ने पुचा “पर इसके लिए मुझे क्या करना होगा।”

दूसरे तरफ से जबाब आया “आपको सिर्फ 2 लाख का स्टार्टअप अमाउंट देकर हमारे यहाँ खता खोलना है,हम आप को एक पता भेज रहे है आप यहाँ आ जाइये” सुभाष भेजे गए पते पर जाता है जहा उसे वो फ़ोन करने वाला इंसान मिलता है,कहा उनुसार सुभाष उस आदमी की बात मानकर 2 लाख देकर खाता खोल लेता है। वो आदमी सुभाष को बोलता है आप अपना 10 लाख रुपे हमारे यहाँ से कल आके ले जाइये हम आपका पैसा रख देंगे यहाँ। दुसरे दिन सुभाष जब पैसा लेने जाता है तो उस जगह पर कुछ नहीं होता हे वो ऑफिस जिस मैं वो कल आया था वो भी उस जगह पर नहीं था,सुभाष वोहा खरे हुए लोगो से बोलता है “सुनिए यहाँ एक ऑफिस था वो कहा गया” एक आदमी बोलता हैं “वो ऑफिस तो एक दिन के लिए यहाँ भारे मैं लिया गया था” ये सुनते ही सुभाष को बोहत बड़ा झटका लगता है उस को समझ नै मैं देर नहीं लगता की उसको ठगा गया है,वो समझ नहीं पता की वो क्या करे उस के पास अभी कुछ शेष नहीं बचा वो अपने बेटे को मरते हुए कैसे देखे,इतना सब चीजों ने सुभाष के मन को ऐसे जकरा की उसने घर मैं फंसी लगाकर अपनी जान दे दी।

सुभाष को वो फर्जी कॉल करने वाला और उससे पैसा लुटने वाला और कोई नहीं सागर था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Horror