Sagar Mandal

Inspirational

5.0  

Sagar Mandal

Inspirational

आखिर मैं खुश क्यूँ नहीं

आखिर मैं खुश क्यूँ नहीं

4 mins
597


शुक्रवार का दिन दोपहर का समय करीब ३ बज रहा था,मैं और मेरी दोस्त कॉलेज छुट्टी होने के बाद घड जाने के लिए गाड़ी का प्रतीक्षा कर रहे थे । असम के रास्तों मैं ज्यादातर टेमफु चलते है,जिसमे करीब १० लोग बैठ सकते है ड्राइवर को लेके ११ लोग । हम इसी मैं कॉलेज जाते-आते थे । गर्मी का दिन था धुप सर पर थी । बहुत टाइम रुकने के बाद एक टेमफु वाला आया,हम उसमे बैठ गए । मेरी दोस्त पीछे बैठी थी और मैं डड्राईवर के सात बैठा था, ड्राईवर की उम्र करीब १८ साल होगी,रोज की तरह मैं मेरी दोस्त से बातें करने लगा,मेरा गली बहुत दूर था और वहा सेभी टेमफु से उतरने के बाद १ किलोमीटर चल के जाना परता था घर के लिए ।

रोज की तरह वही बातें कॉलेज के टीचर्स दोस्त के बाढ़े मैं,अपना समस्या का वर्णन करना,सुनने बाले भी सोचते होंगे शायद संगसार का सारा दुःख इन्ही के पास है । हर विद्याधर्थी की तरह हम भी सोच रहे थे की हमारे टीचर्स कुछ ज्यादा ही गुस्सा करते है,प्रोजेक्ट वगेरा ज्यादा देते है हमें । बात करते करते आधा रास्ता निकल चूका था के तभी टेमफु ड्राईवर ने मुझे पानी का बोटल देने के लिए कहा,पानी का बोटल ड्राइवर के सामने था निचे की तरफ वो झुकने से खुद ले सकता था । मैंने पानी का बोटल दे तो दिया पर मुझे गुस्सा बहुत आया,पानी का बोटल देते हुए मैंने एक चीज नोटिस की उस लड़के के पैर चद्दर से ढके थे । कुछ मिनिट चुप रहा मैं,पर न पूछे रह न सका । मैंने लड़के से पूछा तुम्हे गर्मी नहीं लगती इतने गर्मी मैं चद्दर से पैर ढके हुए हो । ये सुनते ही लड़का हंस दिया और चद्दर को उठा दिया,द्रिश्य देख कर मैं सहम गया लड़के का एक पैर नहीं था । मेरी दोस्त ने मुझे पीछे से पूछा मैंने कुछ ना कहते हुए इशारे से दिखाया । मैंने आचर्य पूर्वक उस से पूछा “ कैसे हुआ ये” । लड़का ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया “जब मैं १२ साल का था रास्तें मैं साईकल चलते हुए गिर गया और एक ट्रक मेरे एक पैर के ऊपर से चला गया शुक्र है के मेरा दूसरा पैर उसके नीचे नहीं आया ।” मैंने पूछा “क्या तुमने पढाई की है ?” लड़के ने बोला” हा मैंने ६ ठी कक्षा तक पढ़ाई की है उसके बाद ये हादसा हो गया,मेरे बाबा भी टेमफु चलते थे मुझे बहुत पढाने की आशा थी उनकी,स्कूल मैं भी पढ़ाई मैं अच्छा था मैं । पर अब जब आपलोगो को देखता हूँ जलता हूँ मैं पर जब आपलोग टीचर्स की बड़ाई करते हैं मुझे खुशी मिलती है किसी बहाने मैं बच तो गया” ये कहकर वो हंसने लगा । मैंने भी हंसते हुए उससे पूछा “घर मैं माँ बाबा क्या सोचते है तुम्हे लेकर मतलब आगे क्या करना है ।” लड़के ने बोला “जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था एक पैर ना रहा माँ हर दिन रोती थी ,मुझे देखती और रोती बाबा भी मन से टूट चुके थे पर एक शब्द न बोलते वो मेरे सामने रोते नहीं थे ताकि मैं टूट ना जाऊ पर मैं सब समझता था । कुछ दिन बाद मैं बाबा के सात टेमफु मैं जाने लगा वो चलते और मैं देखता,देखते देखते सिख भी गया । मैं बाइक भी चलता हु मेरे दोस्त मुझे बाइक का गयर दबाके देते है और मैं उन्हें लेके घूमता हु ।” मैंने फिर से उससे पूछा “तुमने टेमफु चलाना कबसे शुरू किया ?” वो बोला “कुछ दिन पहले मेरे बाबा बीमार हो गए घर मैं अकेला वही काम करते थे,डॉक्टर को दिखने के बाद पता चला उन्हें हार्ट की बीमारी है,दबाई दिए गए जो बहुत महंगे है । अगर कोई काम ना करे तो घर मैं खाने का पैसा ना आये फिर दबाई का पैसा कहा से आएगा । इतना सब देखते हुए मैंने आपने बाबा को बोला बाबा मैं टेमफु चलाता हूँ, वो सुनते ही गुस्सा हो गए बोले नहीं तू इस हालत मैं टेमफु नहीं चलाएगा,बहुत बार बोलने के बाद बाबा ने गुस्से से बोला जो तेरा मान जाये वही कर । अगले दिन मैं बाबा को न बोलते हुए सुबह ही निकल गया घर पोहचा तो बाबा ने बात नहीं किया कुछ दिन बाद सब ठीक हो गया । पर इतना सब होने के बाद भी मैं खुश हूँ अपनी ज़िन्दगी से अपनी शारीरिक बाधा को मैंने मन बाधा न बनने दिया ।” इतने मैं ही मेरा गली आ गया मैं उतर गया उतर ते समय मैंने अपने दोस्त को बाई बोला क्यू की उसे आगे उतरना था । मैंने उस लड़के को बोला "आशा है आगे भी मिलेंगे अच्छा लगा तुमसे मिलके समय भी कब चला गया पता न चला " लड़के ने मुस्कुरा कर बोला हा जरूर । टेमफु से निकलने के बाद इसबार मैं गली मैं हंसते हुए घुसा, ज़िन्दगी की इस छोटे सी सफर ने मुझे सिखा दिया इतना कुछ पाने के बाद मैं खुश क्यू नहीं ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational