कहानी तब की हैं जब मैं गुवाहाटी विश्व-विद्यालय में अपना ग्रेजुएशन कर रहा था। कहानी तब की हैं जब मैं गुवाहाटी विश्व-विद्यालय में अपना ग्रेजुएशन कर रहा था।
तभी रोहन को एक सफ़ेद साड़ी में ओरत दिखती हैं रोहन के पलके झपकाने साथ वो ओरत गायब हो जाती तभी रोहन को एक सफ़ेद साड़ी में ओरत दिखती हैं रोहन के पलके झपकाने साथ वो ओरत गायब ह...
सुभाष को वो फर्जी कॉल करने वाला और उससे पैसा लुटने वाला और कोई नहीं सागर था। सुभाष को वो फर्जी कॉल करने वाला और उससे पैसा लुटने वाला और कोई नहीं सागर था।
कैसे समाज से आए हम जाहां अंधविश्वास के चक्कर में जान की बली ली जाती है। कैसे समाज से आए हम जाहां अंधविश्वास के चक्कर में जान की बली ली जाती है।