अपनी आँखों से देखो मन चाहता है हे पिता। अपनी आँखों से देखो मन चाहता है हे पिता।
इसलिए वह आत्मा अब उस रहस्यमई लाइब्रेरी को छोड़कर चली गई और अब वह आत्मा वहां नहीं रहती इसलिए वह आत्मा अब उस रहस्यमई लाइब्रेरी को छोड़कर चली गई और अब वह आत्मा वहां नहीं...
उस निर्मल सन्नाटे को चीरती हुई एक मधम सी आवाज़ आई - मोटी, साली, कुतिया। उस निर्मल सन्नाटे को चीरती हुई एक मधम सी आवाज़ आई - मोटी, साली, कुतिया।
एक लम्बी सी राहत की मुस्कुराहट। उसका चाचा जो वापिस मिल गया था। एक लम्बी सी राहत की मुस्कुराहट। उसका चाचा जो वापिस मिल गया था।
क्या वह मरणोपरांत बोझ बनना चाहेगा ? फिर मृत्युभोज क्यूँ ? क्या वह मरणोपरांत बोझ बनना चाहेगा ? फिर मृत्युभोज क्यूँ ?
चेतन तुम चिंता मत करो मैने जो सोचा है वो मैं कर दूंगी चेतन तुम चिंता मत करो मैने जो सोचा है वो मैं कर दूंगी