लेखक : अलेक्सान्द्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : अलेक्सान्द्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
जंगल में पक्षियों का कलरव प्रसन्नता से चिहुक उठा, दूर से आती बाँसुरी की स्वर लहरी, मांदल की थाप के स... जंगल में पक्षियों का कलरव प्रसन्नता से चिहुक उठा, दूर से आती बाँसुरी की स्वर लहर...
अगले दिन भी वही आवाज़ आयि गुफा से यह सुन कर शेर डर गया और दम दबा के भाग गया उसके बाद अगले दिन भी वही आवाज़ आयि गुफा से यह सुन कर शेर डर गया और दम दबा के भाग गया उसके...
जंगल ला कर सहन में बसा लिया जानवर आकर , मेरे भीतर रहने लगा! जंगल ला कर सहन में बसा लिया जानवर आकर , मेरे भीतर रहने लगा!
वो-उफ्फ़ बीsssss! मै-सॉरी । वो-उफ्फ़ बीsssss! मै-सॉरी ।
लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास नई मुसीबतें और ख़ुशियाँ लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास नई मुसीबतें ...