शेर और सियार

शेर और सियार

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बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में सियार अपनी पत्नी संग रहता था। एक समय आया जब सियार की पत्नी को बच्चा होने वाला था। उसने सियार से कहा तुम एक अच्छी सी गुफा ढूंढ लो ताकि बच्चो की देखभाल अच्छे से हो सके । उसी जंगल में एक शेर भी रहता था और शेर एक बड़ी सी गुफ़ा में रहता था पर सयोंगवश उस समय शेर कहीं गया हुआ था । मौके का फायदा उठा के सियार सपरिवार उस खाली गुफ़ा में रहने लगा । समय आने पर सियार के चार संतान हुई, वे सब बड़े आराम से उस गुफा में रहने लगे । कुछ समय बाद शेर वापिस अपनी गुफा को आया तो उसे अजीब सी बच्चो के रोने की आवाज़ आयी। उसने जोर से आवाज लगा के पूछा - इंदरगढ़ की रानी तेरा जलबंजन क्यों रोता है? गुफा के अंदर सियार समझ जाता है जिस गुफ़ा में वो रहते है वो एक शेर की गुफा है पर वो घबराया नहीं उसने चिल्ला कर कहा - बच्चे असल नार (शेर) का कलेजा मांगते है। ये सुन के शेर डर गया उसने सोचा ये आज कोन आ गया उसकी गुफा में जो जंगल के राजा से भी ख़तरनाक है। उसने सोचा वो अगले दिन भी आएगा पर अगले दिन भी वही आवाज़ आयि गुफा से यह सुन कर शेर डर गया और दम दबा के भाग गया उसके बाद शेर कभी गुफा की ओर नहीं आया और सियार अपने बच्चो के साथ वहां आराम से रहने लगा।


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