लेखक : अलेक्सान्द्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : अलेक्सान्द्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
हम उसकी नादानियाँ भी समझते हैं और फिर उससे प्यार भी करते हैं हम उसकी नादानियाँ भी समझते हैं और फिर उससे प्यार भी करते हैं
उसके अनुसार कार्य करना चाहिए। प्रभु हमारी हर तरह से मदद करेंगे। उसके अनुसार कार्य करना चाहिए। प्रभु हमारी हर तरह से मदद करेंगे।
रूबरू गुफ्तगू होने को हम तुमसे तुम हमसे । आज एक बार फिर इक दूजे से मिलते हैं। रूबरू गुफ्तगू होने को हम तुमसे तुम हमसे । आज एक बार फिर इक दूजे से मिलते हैं।
जब वो तुम्हारे घर आया तो मैं फोन पर उससे ही बात कर रही थी। तूपान जब वो तुम्हारे घर आया तो मैं फोन पर उससे ही बात कर रही थी। तूपान
हवाएं अब भी बह रही कुछ मौसम के खिलाफ मुसाफिर ने थक कर फिर अपना जनाजा बदला। हवाएं अब भी बह रही कुछ मौसम के खिलाफ मुसाफिर ने थक कर फिर अपना जनाजा बदला।