Sri Sri Mishra

Romance

3  

Sri Sri Mishra

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कुछ कहना मत

कुछ कहना मत

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मेरे पापा को कुछ कहना मत।

मेरी हिम्मत कहाँ मैं ससुर जी को कुछ कहूँ।

कुछ कह तो रहे हो। धीमे धीमे।

कहां कुछ तो नहीं।

नहीं क्या। बुदबुदा रहे हो तुम।

मंत्र जाप कर रहा हूंँ।

कौन सा मंत्र जाप ।और यह कब से शुरू किया तुमने।

मुझे पंडित ने बताया है।

मंत्र जाप किया करो ।कोई काली हवा नहीं तुम पर असर करेगी।

अच्छा छोड़ो । अब यह बताओ ।किसका फोन था।

तुम्हारे पापा का। यानी मेरे ससुर जी का।

हैंएए। क्या कह रहे थे।!!!

पूछ रहे थे तूफान कैसा है।

मतलब।

मतलब ये। पूछ रहे थे घर में शांति है।

तूफान के बवंडरों की आवाज नहीं आ रही है।

कौन सा तूफान।

अरे कुछ नहीं। वो जो सुनामी आई थी ।उसकी बात कर रहे थे। वह तो कब की आई थी

कितने साल बीत गए।

वहांँ आए साल बीत गए ना। यहांँ तो रोज।

तुम कहना क्या चाह रहे हो।

कुछ नहीं। मैं भी कहाँ सुबह-सुबह लग गया।

पतिदेव जी उठ कर चले गए।

मैं भी उनके पीछे पीछे दौड़ गई। मुझे पूछे बगैर कहांँ चैन था।

बताओ मेरे पापा क्या कह रहे थे।

तुम्हारा हालचाल ले रहे थे मैंने पूछा कि क्या कुछ दिन जरूरत है क्या कुछ दिन छोड़ जाऊंँ।

तो बोले। नहीं नहीं वही रहने दो।

तुम को ईश्वर शक्ति दे मेरे दिए हुए तूफान से लड़ने की।

मतलब मैं तूफान हूंँ।

नहीं मेरी हिम्मत कहाँ। यह तो ससुर जी कह रहे थे।

वैसे एक बात तो है।

क्या।

मुझ में आंतरिक शक्ति का विकास बहुत हुआ है।

कोई भी तूफान आ जाए।।

मैं हर तूफान को झेलने के लिए चट्टान की तरह अडिग खड़ा रहता हूंँ। जब से तुम मेरी जिंदगी में आई हो।

तब से मुझमें तूफानों के सहने की शक्ति तो आई ही है। इसके लिए मैं ससुर जी को बहुत-बहुत धन्यवाद करुँगा ।मुझे मेरी आत्म शक्ति से उन्होंने पहचान करा दी।।

।और एक आदर्शवादी पति भी साबित हो गया।।

मैं आपसे बात नहीं करूंँगी।

चलो कुछ दिन शांति तो रहेगी।

क्या बोले तुम।कुछ नहीं ।पूछ रहा हूँ ।कितने दिन नहीं बोलोगी।मतलब आप खुश है मेरे न बोलनेसे।नहीं-नहीं प्रिये।

     तुम मेरी काली रातों की उज्जवल चांँदनी हो।

मेरी बंँद आंँखों कि हसीन ख्वाब सुहानी हो।

घने काले बादलों ने जब-जब डाला मुझ पर डेरा।

तब तब तुमने साथ दिया जीवन का है जो फेरा।

   है आरज़ू बस तुझ में ही खो जाने की।

सुख-दुख के दो पहिए हैं हम इस सुंदर दांपत्य की।

चल आज बात कुछ नई नई सी करते हैं।

रूबरू गुफ्तगू होने को हम तुमसे तुम हमसे ।

आज एक बार फिर इक दूजे से मिलते हैं।


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