Sri Sri Mishra

Inspirational

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Sri Sri Mishra

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वो मित्र

वो मित्र

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क्या हुआ .......??

रोहन के चेहरे पर परेशानी की लकीरें साफ आमिर को दिख रही थी.......

क्या बताऊँ यार आमिर....

तुझे तो पता ही है मेरी मैथ्स कितनी वीक है ..

आज टेस्ट है ..मुझे तो फार्मूले तक भी नहीं आते ...समझ में नहीं आ रहा कैसे दूंगा..!!

आमिर हँसते हुए अपने शरारती अल्हड़ अंदाज में रोहन की पीठ पर जोर से धौल देते हुए बोला..

तेरा ये कमीना दोस्त कब काम आएगा...

इसीलिए ऊपर वाले ने मेरी मैथ्स बहुत तेज कर रखी है क्योंकि मैं तेरे काम आ सकूँ..

यह कहकर वह उसके बगल बैठ जाता है... और चुटीले अंदाज में पूछता है...

अच्छा यह बता आज तू टिफिन में क्या लाया है..??

यह सुनते ही रोहन आमिर को देखते हुए बोलता है..

तुझे टिफिन की पड़ी है ..

यहां। तो टेस्ट के क्वेश्चन जब मेरे सामने आएंगे.. क्या हाल होगा मेरा ..यह सोच कर ही मेरे होश उड़े हुए हैं।

इसके बाद जब नंबर आएंगे तो घर वालों की कितनी सुननी पड़ेगी ...यह सुनकर आमिर को बहुत तेज हंसी आती है और वह रोहन को देखते हुए कहता है ..

तू क्यों परेशान होता है ..मैं हूं ना..

हमेशा की तरह मैं आज भी तेरी मदद करूँगा और तेरे अच्छे नंबर आ जाएंगे ..तू क्यों परेशान होता है..

यह कहकर आमिर अपनी सीट पर जाकर बैठ जाता है। और जरा देर में वह अपना बैग लेकर रोहन किस सीट पर आ जाता है.. ले आज से मैं तेरे बगल बैठूंगा बस अब खुश....

थोड़ी ही देर में क्लास में मैथ्स टेस्ट शुरू हो जाता है और इस बार भी हमेशा की तरह आमिर रोहन की मदद करता है। जिससे यह पेपर बहुत अच्छा निकल जाता है।

लेकिन कुछ दिनों बाद आमिर ने रोहन को समझाना शुरू किया कि वह इस विषय में अपनी अच्छी पकड़ बनाए..।

जिससे उसे जीवन में सफलता मिलेगी और यह बात रोहन को बहुत अच्छी तरह समझ में आ गई... और वह इस विषय पर जमकर मेहनत करने लगा.. परिणाम यह हुआ कि इस विषय में उसकी इतनी अच्छी पकड़ बन गई कि वह इसी विषय से एमएससी करके अव्वल नंबरों से उत्तीर्ण हुआ..।

कहते हैं ना.. दोस्त एक ऐसा अनमोल हीरा होता है। जिसकी चमक कभी कम नहीं पड़ती। किसी की बात समझ में नहीं आती। लेकिन जब वही अपना दोस्त कह देता है। तो सारी बात समझ में आ जाती है और वह वैद्य की दवा दुआ जैसी काम करती हैं..

यह तो वह रिश्ते हैं.. जो किस्मत से मिलते हैं..

धागे हैं पाक मन्नत के ..मिल जाए तो फरिश्ते जन्नत के..

मिलते जो अनजानों की टोली में........

रंग सतरंगी होते हैं इनकी झोली में.......

नुक्कड़ वाला दोस्त कमाल कर गया........

भुलक्कड़ हो कर भी दिल आबाद कर गया.....

ढाबे को चुस्कियों की चाय से गुलजार कर गया...

वह नोट्स वाले दोस्तों का हुजूम जखीरा......

होते जैसे अंगूठियों के बीच का हीरा......

पर्चियां फेंककर क्या दोस्ती निभाई.....

मौका मिलने पर "तूने ही किया" कहकर की टाँग खिंचाई..

ये होते जैसे घर के एनिमल पेट......

भूलो कितना भी बनकर रहते हैं ऑलवेज सीक्रेट..

पता ही ना चला जाने कैसे यह एक सूत्र में बँध गए..

रूठने मनाने का अजब फार्मूला दे गए..

आँसुओं को पोंछ कर कह गया हँसकर है जीना..

यादों में मुझे याद करना.....

क्योंकि मैं हूँ तेरा दोस्त कमीना..

सच्ची दोस्ती निभाना हँसते रहना ही उसकी आन है..

यही इस खूबसूरत रिश्ते की दास्तान है..।

मित्रता दिवस पर सभी को बधाई शुभकामनाएं..



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