फिर भी हम तो सभ्य समाज के बासिंदे होने का सीना ठोककर दावा करते ही हैं। फिर भी हम तो सभ्य समाज के बासिंदे होने का सीना ठोककर दावा करते ही हैं।
जब स्कूल में दाखिला हुआ तो मुझे याद नहीं की कभी खुशी-खुशी जाती थी। माँ से तीन घंटे बिछड जब स्कूल में दाखिला हुआ तो मुझे याद नहीं की कभी खुशी-खुशी जाती थी। माँ से तीन घं...
मैं अपनी मुट्ठी में पूरा आसमान कैद करना चाहता हूँ। यही मेरा सपना है। मैं अपनी मुट्ठी में पूरा आसमान कैद करना चाहता हूँ। यही मेरा सपना है।
हे ईश्वर, कैसी मां हूं मैं ? कौन से गंगाजल से धोऊं निगोड़ी अपनी ये आंखें ! हे ईश्वर, कैसी मां हूं मैं ? कौन से गंगाजल से धोऊं निगोड़ी अपनी ये आंखें !
आज के बाद में किसी भी जीव जंतु को नहीं सताऊंगा। आज के बाद में किसी भी जीव जंतु को नहीं सताऊंगा।
वैसे भी बर्थडे के मौके पर कौन कट्टी रहना चाहेगा...तो हुए न दोस्त बहुत सारे दोस्त, खैर वो दिन तो आना ... वैसे भी बर्थडे के मौके पर कौन कट्टी रहना चाहेगा...तो हुए न दोस्त बहुत सारे दोस्त...