नन्ना बहादुर
नन्ना बहादुर
एक दस वर्ष का बालक था। उसका नाम नन्ना बहादुर था। वह बहुत शरारती था। हमेशा काम बिगाड़ा करता था। चाहे अपने घर का काम हो या पड़ोसी के घर का काम हो, कभी ठीक से नहीं करता था। कुछ ना कुछ नुकसान करता रहता था। एक दिन नन्ना बहादुर अपने घर की छत पर खेला रहा था। उसने पड़ोसी के मकान की छत पर एक बंदर को बैठा देखा। तभी उसे शरारत सूझी,उसने छत पर पड़ी गिट्टी से बंदर को मारना शुरू किया। नन्हा बहादुर की इस हरकत को देखकर बंदर घुड़की लगा रहा था। लेकिन नन्हा बालक कहां मानने वाला था,वह तो फिर भी बंदर को गिट्टी मार रहा था। तभी बंदर नन्हा बहादुर की ओर दौड़ा। नन्हा बहादुर छत पर बने बाथरूम में छुप गया।
फिर थोड़ी देर बाद नन्हा बहादुर जैसे ही बाथरूम से बाहर निकला बंदर ने उस पर हमला बोल दिया। नन्हा बहादुर घबरा गया। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। बचाओ बचाओ बंदर ने काट लिया। नन्हा बहादुर को चिल्लाते देख घर के लोग तुरंत छत पर चढ़कर आए तब तक बंदर भाग गया सभी ने पूछा बंदर ने क्यों काटा तभी दूसरी छत पर खेल रहे एक बच्चे ने बताया कि नन्ना बहादुर बंदर को गिट्टी से मारा रहा था बंदर ने नन्ना बहादुर पर हमला करने के लिए दौड़ कर आया तब तक नन्हा बहादुर बाथरूम में छुप गया बंदर बाथरूम के बगल में छुप गया जब नन्हा बहादुर बाथरूम से निकला तभी बंदर ने इस पर हमला कर दिया नन्ना बहादुर की मां ने कहा क्या बिगाड़ा था बंदर ने तेरा? जो उसे गिट्टी से मार रहा था। हम तेरे उपचार में हजारों का खर्चा होगा। बेवजह कर लिया नुकसान अपना।
अब सबक मिला तुझे किसी भी जीव को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए। अगर तुम छुप सकते हो तो वह भी छुप कर हमला कर सकते हैं।
नन्ना बहादुर ने कहा हां आज मुझे सीख मिली "आज के बाद में किसी भी जीव जंतु को नहीं सताऊंगा।