प्यार की दीवानी भाग-2
प्यार की दीवानी भाग-2
ए मेरी मोहब्बत 》》》》
अब सुन लो,》》तुम भी जरा 》》
हम तो तेरी याद में,》》 खुद सेे हैं जुदा ♡♡♡
तुमको एहसास नहीं,》》तो हम क्या करें》》》
हम》》 तो 》》तुम पर कब से हैंं फिदा।》》》
"कविता" की यह गीत सुनकर ऑडियंस ताली बजाने लगी। आवाज आ रही थी ऑडियंस से…कविता तुम तो छा गई। कविता की कविता छा गई। तभी देवा चौहान ने कविता के हाथ से माइक लिया और एक गीत सुनाना शुरू किया:-
कोई प्यार मुझे करता, अहसास नहीं मुझको।
मैं तो बादल आवारा, क्या ज्ञात नहीं तुझको।
कोई दीवाना होगा, एहसास नहीं मुझको।
इजहार भी होता है, क्या ज्ञात नहीं तुमको।
तभी ऑडियंस में से किसी ने कहा "कविता" तुम भी कविता के द्वारा जवाब दो "देवा" को, यह तो बहुत मजेदार प्रसंग चल रहा है। देवा ने माइक कविता के हाथ में दिया तो कविता ने देवा का हाथ छूते हुए माइक को प्रेम पूर्वक अपने हाथ में लिया और फिर सुनाई सबको मजेदार पंक्तियां:-
मुझे ज्ञात हुआ है अभी, तुम मुझे पर मरते हो।
आशिकों हो मेरे तुम भी, कहने से डरते हो।
अब छोड़ के डर अपना, मेरी बाहों में आओ।
जब नींद मुझे आए, तुम ख्वाबों में आओ। ।
एक पल भी नहीं कटता, तुम्हें देखे बिना मेरा।
मुझे देखे बिना कैसे, मन लगता है तेरा। ।
वाह वाह क्या बात है, मजा कर दिया। मजेदार पंक्तियां। जय हो कविता जी की। । । जय हो। । । बहुत ही शानदार कविता। देवा जी क्या हुआ जवाब दीजिए....ऑडियंस में सभी लोग चिल्लाने।
तभी देवा ने मुस्कुराते हुए अपनी प्रेमिका कविता से माइक लिया और सुनाईं निम्न पंक्तियां:-
तुम बाँहों में आओ, मैं प्यार लुटा दूंगा।
ना समझो मुझे बेरस, तुम्हें रंग बना दूंगा।
अब छोड़ो बातों को, बाहों में आ जाओ।
तुम अपने ओठों से, सरस पिला जाओ। ।
इतना सुनते ही कविता ने देवा चौहान को अपनी बाहों में समेट लिया और देवा उसकी जुल्फों को सहलाने लगा। जब श्रोतागण का शोर बड़ा तब दोनों एक दूसरे से अलग हुये और मंच से एक साथ उतरकर एक ही टैक्सी में बैठकर होटल नताशा में आयोजित कवि सम्मेलन में शामिल होने चले गये।

