PRATAP CHAUHAN

Romance Tragedy

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PRATAP CHAUHAN

Romance Tragedy

अधूरी कहानी हुई पूरी

अधूरी कहानी हुई पूरी

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रोहन के घर वाले उसकी शादी अपनी पसंद की लड़की से करना चाहते थेI उनको घर की चहारदीवारी में रहने वाली लड़की पसंद थीI लेकिन रोहन ने अपनी क्लासमेट सोनिया से शादी कर ली थीI वह सोनिया से बेहद प्यार करता थाI सोनिया के बिना वह एक पल भी नहीं रह सकता था क्योंकि अब सोनिया ही उसकी जिन्दगी बन गई थीI सोनिया उसका पहला प्यार थीI सोनिया भी रोहन को बहुत प्यार करती थीI सोनिया के घर वाले तो रोहन को पसंद करते थेI उन लोगों को पता था कि रोहन एक जिम्मदार तथा होनहार लड़का हैI 15 दिन पहले ही तो रोहन ने एन.डी.ए. की परीक्षा पास की थी I कल दोपहर 2:00 बजे उसका इंटरव्यू हैI लेकिन विधि का विधान देखिए कि आज वह हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा होकर अपनी सोनिया की जिंदगी की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हैI सोनिया की मां जया जी को देख कर रोहन रोए जा रहा थाI जया जी उसे बहुत समझा रही थीI रोहन को चुप कराते हुए जया जी ने कहा' बेटा यह सब विधि का विधान हैI यह हादसा तुम्हारी वजह से तो हुआ नहीं जो तुम अपने आप को दोष दिए जा रहे होI मुझे पता है सोनिया तुमसे मिलने के लिए घर से निकली थीI सोनिया मुझसे कह कर गई थी कि "रोहन सेंटर लाइब्रेरी में हैI मैं उससे सेंट्रल लाइब्रेरी में ही मिलूंगी" I लेकिन सेंट्रल लाइब्रेरी पहुंचने से पहले ही सोनिया की कार डिवाइडर से टकरा गईI तुम उसे समय पर हॉस्पिटल लेकर आए यह तुमने अच्छा काम कियाI अब ईश्वर पर विश्वास करो जो भी होगा अच्छा ही होगाI रोहन बार-बार ऑपरेशन थिएटर की रेड लाइट को देख रहा थाI वह रेड लाइट को देख ही रहा था कि अचानक से ऑपरेशन थिएटर की ग्रीन लाइट जली I कुछ घंटों के बाद डॉक्टर साहब ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले तो रोहन ने हड़बड़ाते हुए पूछा, "डॉक्टर साहब अब मेरी सोनिया कैसी है"? डॉक्टर साहब ने गहरी सांस लेकर कहा:- नाउ शी इज आउट ऑफ डेंजर, उसके सिर में चोट थी जिस वजह से वह बेहोश हो गई थीI हमें छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ा, ऑपरेशन सक्सेस हुआI होश आने पर पेशेंट को हम डिस्चार्ज कर देंगेI डॉक्टर साहब की बात सुनकर रोहन तथा जया जी बहुत खुश हुए I सोनिया की मां जया जी को गले लगाकर रोहन खुशी से रोने लगाI जब सोनिया ऑपरेशन थिएटर से बाहर आई तो रोहन ने उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर चूम लियाI सोनिया को होश आ चुका था उस उसने भी रोहन का हाथ चूम कर मुस्कुराते हुए कहा- "तुमको क्या लगा, मैं इतनी आसानी से तुम्हें छोड़ कर चली जाऊंगी? रोहन ने उसके होठों पर अपनी उंगली रखकर कहा- "मेरी जान, ऐसी बात मत कहना सोनिया मैं तेरे बिना जी नहीं सकता इतना कहकर उसने बेड पर लेटी सोनिया को अपनी बाहों में भर लिया और बुदबुदाते हुए बोला, तुमने सोच कैसे लिया कि मैं ऐसा सोच सकता हूँI मैं तो तुम्हारी जिंदगी की सलामती की दुआ कर रहा थाI सोनिया को ऑपरेशन थिएटर से बाहर लेकर आई नर्स ने रोहन को हटाते हुए कहा- आप अभी पेशेंट से दूर रहिए, पेशेंट को इंफेक्शन हो सकता हैI इनको अभी प्राइवेट रूम में ऑब्जरवेशन के लिए रखा जाएगाI 2 घंटे के बाद छुट्टी मिल जाएगी उसके बाद घर जा सकते हैंI

हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद सोनिया अपनी मां तथा रोहन के साथ अपने घर आ गईI जया जी ने घर का दरवाजा खोला तो उन्होंने देखा कि सामने एक ब्राउन कलर का ऑफिशियल लेटर पड़ा है I जया जी ने कहा- यह लेटर किसका है? किसने भेजा होगा? रोहन जरा इसे खोल कर पढ़ोI रोहन ने लेटर को उठाकर खोला I वह जोर से चिल्लाया, सोनिया तुम्हारी जिंदगी बन गईI तुम्हें कामयाबी मिल गईI यह तुम्हारा अप्वाइंटमेंट लेटर हैI हम जिस हॉस्पिटल से आ रहे हैं तुम्हें उसी हॉस्पिटल में एक सर्जन के रूप में अपॉइंटमेंट मिला हैI यह देखो, पढ़ो अपना अप्वाइंटमेंट लेटर I

सोनिया ने अपना अप्वाइंटमेंट लेटर पढ़ने के बाद अपने मां को बताया, 'मां मुझे 5 दिन बाद हॉस्पिटल ज्वाइन करना हैI मुझे जल्दी से जल्दी स्वस्थ होना होगाI मैं किसी भी कीमत पर यह मौका गंवाना नहीं चाहतीI जया जी ने कहा- हां बेटा, तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी I तुम शीघ्र ही अपना अपनी जॉब पर जाओगी I रोहन उस दिन सोनिया के घर ही रुक गयाI दूसरे दिन सुबह रोहन इंटरव्यू के लिए डिफेंस एकेडमी पहुंच गयाI उसका इंटरव्यू अच्छा गयाI उसे इंडियन नेवी के लिए सिलेक्ट कर लिया गयाI वह बहुत ही खुश थाI उसे ऐसा लगने लगा कि उसकी सारी मनोकामना है पूर्ण होती जा रही हैंI इंटरव्यू के बाद डिफेंस एकेडमी से निकलकर शाम को वह सीधा सोनिया के घर पहुंचा I रोहन ने जैसे ही घर की बेल बजाई तो घर के अंदर बैठी सोनिया ने अपनी मां से कहा- मां जल्दी से दरवाजा खोलो I देखो, रोहन आया हैI जया जी ने दरवाजा खोल कर देखा तो वास्तव में सामने रोहन खड़ा थाI जया जी कुछ कहती हूं उससे पहले ही रोहन ने कहा- मां जी, मेरा इंटरव्यू फर्स्ट क्लास हुआ I मुझे कल ही ट्रेनिंग के लिए निकलना होगाI ट्रेनिंग के बाद मैं इंडियन नेवी का एक ऑफिसर बन जाऊंगा I सोनिया रोहन की बात सुनकर खुश भी हो रही थी तथा साथ-साथ मायूस भी हो रही थीI सोनिया के पास बैठकर रोहन ने कहा- मेरी डार्लिंग को क्या हुआ? सैड सैड क्यों देख रही हो सोनिया, तुम शांत क्यों हो? सोनिया ने कहा तुम्हारी जॉब कि मुझे बेहद खुशी है लेकिन तुम कल मेरे साथ नहीं होगे तो मुझे बहुत याद आएगी I तुम्हारे बिना मैं कैसे रह पाऊंगी I जया जी ने सोनिया को समझाया, 'बेटा ऐसे कैसे काम चलेगा तुमको भी अपने पैरों पर खड़ा होकर अपना भविष्य सवारना हैI रोहन को भी तो अपनी जॉब करनी हैI रोहन को जब छुट्टी मिला करेगी तब रोहन तुम्हारे पास आया करेगा I कभी-कभी तुम रोहन के पास चली जाना I इसी तरह जिंदगी खुशी-खुशी बीत जाएगीI बेटा, कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता हैI जब तुम्हारे पास जॉब होगी तब तुम्हें मिलना जुलना भी अच्छा लगेगा I रोहन बोला, मां जी ने बिल्कुल सही कहा है हम दोनों को संयम से काम लेना होगाI वैसे सच कहूं तो मुझे भी सोनिया की बहुत याद आएगीI मेरा भी ट्रेनिंग में बिल्कुल मन नहीं लगेगाI लेकिन मैं हर सप्ताह चिट्ठी लिखा करूंगा I तुम भी मुझे चिट्ठी लिखना उन चिट्ठियों की खुशबू से बहुत राहत मिलेगीI सुनो सोनिया, अब मैं अपनी मां को भी फोन करके बता देता हूं कि मैं सेलेक्ट हो गया हूँI कल सुबह ही मुझे नेवी ऑफिसर ट्रेनिंग के लिए जाना हैI सोनिया ने कहा- हां बिल्कुल, मां को सूचित कर दोI

दूसरे दिन सुबह रोहन ट्रेनिंग के लिए डिफेंस एकेडमी चला गयाI स्वस्थ होते ही सोनिया ने भी हॉस्पिटल ज्वाइन कर लियाI हॉस्पिटल में एक दिन एक ऐसा पेशेंट आया जिसे तीसरी बार हार्ट अटैक आया थाI उस पेशेंट का नाम सोहन चौहान थाI सोनिया की देखरेख में उस पेशेंट का ट्रीटमेंट चला I कुछ ही दिनों में वह पेशेंट बिल्कुल स्वस्थ हो गयाI उस पेशेंट को डिस्चार्ज करते समय सोनिया ने उनको हिदायतें देते हुए कहा- सोहन जी ,आज के बाद से आपको किसी भी प्रकार का तनाव नहीं लेना हैI अधिक तनाव होने के कारण आपको हार्ट अटैक पड़ता हैI मैं कुछ दवाइयां लिख रही हूंI इन्हें समय से लेते रहिए Iआप मुझे अपना नंबर दीजिए मैं सुबह शाम आपको दवा लेने की याद दिलाती रहूंगी I सोनिया के करुणामई व्यवहार को देखकर सोहन जी की आंखें छलक आई I सोहन जी ने सोनिया से कहा बेटा तुम सर्वगुण संपन्न होI तुम तो साक्षात देवी होI तुमने मेरा बहुत ख्याल रखा I एक मेरा बेटा है जिसने मुझे बिना बताए शादी कर ली हैI किस लड़की से शादी की है उसने हम लोगों ने आज तक उस लड़की की शक्ल नहीं देखीI मेरी तो बिल्कुल भी नहीं सुनता हैI अभी कुछ दिन पहले ही तो उसकी जॉब लगी हैI इस समय में ट्रेनिंग कर रहा हैI उस कक्ष में उपस्थित सोहन जी की पत्नी प्रमिला जी ने कहा- आप मेरे बेटे की बुराई मत कीजिए I मेरे बेटे की पसंद कभी गलत नहीं हो सकतीI मेरे बेटे ने जिस लड़की से शादी की है वह जरूर डॉक्टर सोनिया जैसी ही होगीI सोनिया ने कहा, आप लोग झगड़ा मत कीजिए! प्रमिला जी, आप अपने बेटे का नाम बताइए, क्या नाम है आपके बेटे का? प्रमिला जी ने कहा- मेरे बेटे का नाम है रोहन चौहान हैI वह इंडियन नेवी में अफसर बन गया हैI जैसे भी सोनिया ने रोहन नाम सुना, उसने तुरंत प्रमिला जी के पैर छू लिये I सोनिया ने कहा- मां जी, मैं ही रोहन की पसंद हूँI मेरी वजह से आप लोग अपने बेटे से नफरत करते थेI लेकिन आज वक्त ने मुझे पापा जी की सेवा करने का मौका दे दियाI आपका बेटा बहुत अच्छा हैI आप अपने बेटे से नफरत मत किया कीजिए I रोहन आप दोनों को बहुत याद करता हैI पिता जी आपने अपने बेटे को घर की दहलीज पर कदम रखने को मना किया था इसलिए आपके बेटे की हिम्मत नहीं हुई कि वो मुझे लेकर आपके घर की दहलीज लांग जाए I

प्रमिला जी ने सोनिया को गले लगा लियाI वह सोनिया को दुलार करने लगी I सोहन जी ने कहा- बेटा हमसे बहुत बड़ी गलती हुईI हमें माफ कर देना I मैं भले ही तुम्हारी शादी में शामिल नहीं हुआ लेकिन अब दोबारा से तुम दोनों की शादी बड़ी धूमधाम से करूंगा I अब तुम हमारे साथ हमारे घर चलो I आज से तुम हमारे घर पर ही रहो I हमें बहुत खुशी है कि तुम हमारी बहू होI तुमने मेरी बहुत सेवा की हैI तुमने मुझे पूर्ण स्वस्थ कर दियाI तुम हमारे घर रहोगी तो हमारी जिंदगी में सब कुछ शुभ ही शुभ होगाI हॉस्पिटल से सोहन जी को डिस्चार्ज करा कर सोनिया उनके साथ उनके घर चली गईI सोहन जी का घर अब सोनिया का भी घर हो गयाI एक दिन सोनिया ने फोन करके रोहन को सारी बात बता दीI रोहन को तो मानो संसार की सारी खुशी मिल गईI अब तो सोनिया रोज रोहन के घर से हॉस्पिटल आने जाने लगीI कभी-कभी रोहन के पिता सोनिया को कार से हॉस्पिटल ड्रॉप कर देते थेI



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