सोनिया रोहन की कहानी
सोनिया रोहन की कहानी


रोहन ने अपनी क्लासमेट सोनिया से शादी कर ली थीI वह सोनिया से बेहद प्यार करता थाI सोनिया भी रोहन को बहुत प्यार करती थीI वह हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा होकर अपनी सोनिया की जिंदगी की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हैI जया जी को देखकर रोहन रोए जा रहा थाI जया जी उसे बहुत समझा रही थीI रोहन को चुप कराते हुए जया जी ने कहा' बेटा यह हादसा तुम्हारी वजह से तो हुआ नहीं जो तुम अपने आप को दोष दे रहे होI मुझे पता है सोनिया तुमसे मिलने के लिए घर से निकली थीI सोनिया मुझसे कह कर गई थी कि वो साइबर कैफे जा रही है I वह तुमसे साइबरकैफे में मिलने वाली थीI I लेकिन कैफे पहुंचने से पहले ही सोनिया की कार डिवाइडर से टकरा गईI अब ईश्वर पर विश्वास करोI जो भी हो, अच्छा होI रोहन ऑपरेशन थिएटर की रेड लाइट को देख ही रहा था कि अचानक से ऑपरेशन थिएटर की ग्रीन लाइट जली I डॉक्टर साहब ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले तो रोहन ने हड़बड़ाते हुए पूछा, "डॉक्टर साहब अब सोनिया कैसी है"? डॉक्टर साहब ने कहा:- उसके सिर में चोट थी जिस वजह से वह बेहोश हो गई थीI हमें ऑपरेशन करना पड़ा I होश आने पर हम डिस्चार्ज कर देंगेI डॉक्टर साहब की बात सुनकर रोहन तथा जया जी बहुत खुश हुए I जब सोनिया ऑपरेशन थिएटर से बाहर आई तो रोहन ने उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर चूम लियाI सोनिया को होश आ चुका थाI उसने भी रोहन का हाथ चूम कर मुस्कुराते हुए कहा- "तुमको क्या लगा, मैं इतनी आसानी से तुम्हें छोड़ कर चली जाऊंगी? रोहन ने उसके होठों पर अपनी उंगली रखकर कहा- "ऐसी बात मत कहना सोनिया, मैं तेरे बिना जी नहीं सकता I मैं तो तुम्हारी जिंदगी की सलामती की दुआ कर रहा थाI नर्स ने रोहन को हटाते हुए कहा- आप पेशेंट से दूर रहिए, पेशेंट को इंफेक्शन हो सकता हैI 4 घंटे के बाद छुट्टी मिल जाएगी उसके बाद घर जा सकते हैंI
हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद सोनिया अपने घर आ गईI जया जी ने घर का दरवाजा खोला तो उन्होंने देखा कि सामने एक लेटर पड़ा है I जया जी ने कहा, रोहन जरा इसे खोल कर पढ़ोI रोहन ने लेटर उठाकर खोला I वह जोर से चिल्लाया, सोनिया तुम्हें कामयाबी मिल गईI यह तुम्हारा अप्वाइंटमेंट लेटर हैI हम जिस हॉस्पिटल से आ रहे हैंI तुम उसी हॉस्पिटल में एक डॉक्टर हो गई हो I
सोनिया ने अप्वाइंटमेंट लेटर पढ़ने के बाद मां को बताया, 'मां मुझे 5 दिन बाद हॉस्पिटल ज्वाइन करना हैI मुझे जल्दी से जल्दी स्वस्थ होना होगाI मैं किसी भी कीमत पर यह मौका गंवाना नहीं चाहतीI रोहन तुमको भी तो कल सुबह ऑफिस के काम से मुंबई जाना हैI तुम अपनी तैयारी कर लोI
सुबह होते ही रोहन मुंबई चल
ा गयाI 5 दिन बाद सोनिया ने हॉस्पिटल ज्वाइन कर लियाI हॉस्पिटल में एक दिन एक पेशेंट आयाI उस पेशेंट का नाम सोहन चौहान थाI सोनिया की देखरेख में उनका ट्रीटमेंट चला I कुछ दिनों में वह स्वस्थ हो गये I उनको डिस्चार्ज करते समय सोनिया ने हिदायतें देते हुए कहा- सोहन जी, आज के बाद से आपको किसी भी प्रकार का तनाव नहीं लेना हैI मैं कुछ दवाइयां लिख रही हूँ, इन्हें समय से लेते रहिए Iआप मुझे अपना नंबर दीजिए मैं सुबह शाम आपको दवा लेने की याद दिलाती रहूंगी I सोनिया के करुणामई व्यवहार को देखकर सोहन जी की आंखें छलक आई I सोहन जी ने सोनिया से कहा बेटा तुम सर्वगुण संपन्न होI तुम तो साक्षात देवी होI तुमने मेरा बहुत ख्याल रखा I एक मेरा बेटा है जिसने मुझे बिना बताए शादी कर ली हैI किस लड़की से शादी की है उसने हम लोगों ने आज तक उस लड़की की शक्ल नहीं देखीI मेरी तो बिल्कुल भी नहीं सुनता हैI
उस कक्ष में उपस्थित सोहन जी की पत्नी प्रमिला जी ने कहा- आप मेरे बेटे की बुराई मत कीजिए I मेरे बेटे की पसंद कभी गलत नहीं हो सकतीI मेरे बेटे ने जिस लड़की से शादी की है वह जरूर डॉक्टर सोनिया जैसी ही होगीI
सोनिया ने कहा, आप लोग झगड़ा मत कीजिए! प्रमिला जी, आप अपने बेटे का नाम बताइए, क्या नाम है आपके बेटे का? प्रमिला जी ने कहा- मेरे बेटे का नाम है रोहन चौहान हैI वह अफसर बन गया हैI जैसे भी सोनिया ने रोहन नाम सुना, उसने तुरंत प्रमिला जी के पैर छू लिये I सोनिया ने कहा- मां जी, मैं ही रोहन की पसंद हूँI मेरी वजह से आप लोग अपने बेटे से नफरत करते थेI लेकिन आपका बेटा बहुत अच्छा हैI आप अपने बेटे से नफरत मत कीजिए I रोहन आप दोनों को बहुत याद करता हैI पिता जी आपने अपने बेटे को घर की दहलीज पर कदम रखने को मना किया थाI इसलिए आपके बेटे की हिम्मत नहीं हुई कि वो मुझे लेकर आपके घर की दहलीज लांग जाए I
प्रमिला जी ने सोनिया को गले लगा लियाI वह सोनिया को दुलार करने लगी I सोहन जी ने कहा- बेटा हमसे बहुत बड़ी गलती हुई, हमें माफ कर देना I अब तुम हमारे साथ हमारे घर चलोगी I आज से तुम हमारे घर पर ही रहोगी I हमें बहुत खुशी है कि तुम हमारी बहू होI तुमने मेरी बहुत सेवा की हैI तुमने मुझे पूर्ण स्वस्थ कर दियाI तुम हमारे घर रहोगी तो हमारी जिंदगी में सब कुछ शुभ ही शुभ होगाI हॉस्पिटल से सोहन जी को डिस्चार्ज करा कर सोनिया उनके साथ उनके घर चली गईI
एक दिन सोनिया ने फोन करके रोहन को सारी बात बता दीI रोहन को तो मानो संसार की सारी खुशी मिल गईI अब तो सोनिया रोज रोहन के घर से हॉस्पिटल आने जाने लगीI कभी-कभी रोहन के पिता सोनिया को कार से हॉस्पिटल ड्रॉप कर देते थेI