manju gupta

Abstract

4.3  

manju gupta

Abstract

लॉकडाउन में व्यायाम करे तंदुरुस्त

लॉकडाउन में व्यायाम करे तंदुरुस्त

3 mins
242


विश्व में मानवजाति पर ऐसा कोरोना का संकट आया है। जिसका वैश्विक हल मिलजुल कर सभी देशों को करना है। भारत में कोरोना वायरस की लड़ाई हर नागरिक को

लड़नी है। आज नवराते की नवमीं तिथि रामनवमी है। राम लल्ला का जन्म हुआ था। नवरात्रे में मंदिरों में भक्तों का सैलाब होता था। सब कोरोना के लाकडाउन से घर में ही धार्मिक गतिविधि कर रहे हैं।

इसके लिए सरकार ने तारीख 25 मार्च 2020 से 21 दिन का लॉकडाउन किया है। जो 14 अप्रैल 2020 को खत्म होगा। आज लॉकडाउन को 9 दिन पूरे हो गए हैं। लोग अपने - अपने घरों में कैद हैं।

जिससे उनके पास थोक में वक्त है। क्यो नहीं वे समय का सदुपयोग करें और अपने स्वास्थ्य में व्यायाम करके चार चाँद लगाएँ। वालीबुड के हर सितारे को देख लो। अपनी फिगर बनाके उम्र से कम लगते हैं। जवान, सुंदर, खूबसूरत दिखते हैं।मालाइका, शिल्पा, कटरीना, शाहरूख आदि।

 लॉकडाउन से लोगों की चलने - फिरने की गतिविधयाँ बन्द हो गयी है। ऐसे में लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। व्यायाम करने के लिए जिम, पब्लिक गार्डन आदि सब बन्द पड़े हैं। लोगों में ऐसे समय में शरीर में स्फूर्ति की कमी आयी है। जिससे शरीर के अंग में भारीपन दुखने लगे हैं। मोटापा भी बढ़ेगा।

ऐसे दशा में मानव को अपने आप को स्वस्थ, ऊर्जावान, गतिशील बनाये रखने के व्यायाम करना, वाकिंग करना बेहद जरूरी ही जाता है।

बाबा रामदेव की योग क्रांति से भारत के नागरिक जागरूक हुए है। छोटे से लेकर बड़ा हर कोई योग, व्यायाम आदि करता ही है। शरीर तो आकार में रहता है। हमारे को शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य भी प्रदान करता है।

 मैंने योग का' प्रेक्षा ध्यान' 'अंबिका योग कुटीर' से योग का प्रशिक्षण भी लिया हुआ है। इसी कारण स्कूल में पूरी एसम्बली को व्यायाम कराती थी।अब मैं सेवानिवृत हूँ। तो  टाटा विद्युत सार्वजनिक गार्डन में सुबह के समय निःशुल्क योग लोगों को सिखाती थी। अब उधर जाना बंद हुआ है।

मैं खुद सुबह दैनिक क्रिया से निवृत हो के सुबह घर की छत पर जाकर योग, व्यायाम अपनी क्षमता के अन्यसार करती हूँ। जिसमें 10 पुशअप, सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, पवनमुक्तासन, भुजंगासन आदि करती हूँ। फिर इसके बाद प्राणायाम जैसे भास्त्रिका, भ्रामरी, कपालभांति, अग्निसार , त्रिबन्ध, अनुलोम, विलोम, बाह्य, आंतरिक प्राणायाम। अंतमें शवासन। मेरा दैनिक नियम है। शाम को वाकिंग भी कर लेती हूँ।

इन सबको करने से लाभ ही मिलता है। हानि नहीं।

शरीर में हल्कापन आता है। वजन जितने पर है उतने पर टिका रहता है। बढ़ता नहीं है। फुर्ती का वास हो जाता है। आलस्य दूर भागता है। नाकारात्मकता दूर भागती है।

मन - तन साकारत्मक ऊर्जा से भरा रहता है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विकारी तत्व पसीने के रूप में बाहर निकलते हैं। एन्टीऑक्ससीडेंट, हार्मोन्स की ग्रन्थियाँ सक्रिय हो के हमारे पाचन संस्थान को दुरुस्त बनाएँ रखती हैं। तनाव दर्द, को दूर करता है। 

व्यायाम से हमारी बीमारियों को बढ़ने नहीं देता है। कोरोना का वायरस फेफड़े पर अटैक करता है। इसके लिए अनुलोम विलोम तो कारगर है। गहरी सांस लेकर धीरे, धीरे छोड़ना से ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों की गतिविधि को तेज करती है। हमारे 7 चक्रों के द्वार खुलते हैं। हम कोरोना के वायरस से लड़ने में कामयाब हो सकते हैं। कुंडलिनी शक्ति का जागरण भी कर सकते हैं।

 । एरोबिक्स, थुंबा, जॉगिंग आदि भी सेहत के लिए बेहतर ओषधि हैं।

परिवार में माता -पिता बच्चों को कोरोना के बारे में बताएँ। परिवारिक मजबूती बढ़ेगी। बच्चों के साथ दूरी कम होगी। बिखराव की खाई पटेगी।अपने साथ बच्चों को भी व्यायाम कराएं। खुद स्वस्थ रहें। परिवार स्वस्थ रहेगा, समाज और देश स्वस्थ होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract