Deepti Tiwari

Romance Classics

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Deepti Tiwari

Romance Classics

कुछ ख़ास तो हों तुम भाग 4

कुछ ख़ास तो हों तुम भाग 4

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अयान आज़ कल इतना खुश रहता है, तुम्हें अयान के लिए बहुत अच्छा रिश्ता मिल गया,

" हाय खाला अब नज़र मत लगा देना "

अयान की अम्मी खाला को टोकती हुई कहती हैं,

खाला और सारी तैयारियां हों गई,

कहां खाला रोज़ यहीं चल रहा है मैंने तो सोचा है अयान कल परसों नुसरत को ले आए तो उसकी भी खरीददारी हो जाएं ।

हाय नुसरत को बुलाने की क्या ज़रूरत है जो मर्ज़ी ख़रीद लो अब ये पसंद नापसंद कौन सी बला है भला।

हां ,कुछ सांस भरते हुए, खाला ये आज़ कल कि जनरेशन है ,

हे कौन हैं अब ये जसनें कौन सी बला हैं।

अयान की अम्मी जोरों से हस्ती हैं क्या खाला तुम भी कुछ भी बोल रही हों।

अयान अपनी अम्मी को आवाज़ देता है अम्मी ,अम्मी।।

भुख लगी है कुछ खाने को दो।

हां आई आई आज इतनी जल्दी दफ़तर से आ गया,

अरे अम्मी आप ने ही सवेरे कहा था जल्दी आना नुसरत को लेकर खरीदारी करना है,

अरे हां मै तोभूल ही गई थीं थोडतै रुको तैयार होकर आती हूं।

चले।।

दोनो गाड़ी में बैठते हैं नुसरत के घर जाने के लिए 

कुछ ही देर में अयान नुसरत के घर के सामने आ पहुंचता है,आज पहली बार अयान उन गुलाबों की महक को महसूस कर सकता था ,बिना परवाह के वह घर के अंदर जाता हैै,

 अरे अयान बेटा अरे आप आइए कैसी है आप 

यहां अयान की नज़रे नुसरत को तलाश ही रही थी कि तभी अम्मी ने पूछ ही लिया, नुसरत घर पर नहीं है क्या ।

जी है पढ़ने बैठी थी ये परीक्षा आ रही है ना।

अच्छा अच्छा।

नहीं हम चाह रहे थे कि नुसरत अपने पसंद से कपड़े गहने ले आज कल के बच्चें है हमारी पसंद इन्हें कहा पसंद आने वाली , हंसते हुए।

जी ऐसी कोई बात नही , बात को बिच से ही काटते हुए ,

नहीं इसे जो पसंद आए आखिर हमारी पहली बहु है जो होगा नुसरत कि पसंद का ही होगा ।

 मुस्कुराते हुए नुसरत की अम्मी सिर हिलाते हुए जी जैसा आपको ठीक लगे

कुछ ही समय में तीनों गाड़ी की तरफ बढ़ते हैं ,

अयान की अम्मी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ जाती है और नुसरत को आगे बैठने के लिए कहती हैं ,

नुसरत घबड़ाहट में गाड़ी का दरवाजा ही नहीं खोल पा रही थी, तभी अयान बड़े सलीके से नुसरत की तरफ़ बढ़ता है और गाड़ी का दरवाजा खोलता है और नुसरत को बैठने का इशारा करते है ।

नुसरत आगे अयान के पास बिलकुल चुप चाप बैठे हुए थी ,तभी अयान ने नुसरत से पूछा तो कहा चलना है।

यह सुनकर नुसरत एक दम से बोल उठी मुझे नहीं पता और इतना बोलते हैं वो सकुचा सी गई उसे ये पता चलते देर नहीं लगी की उसे ऐसे जवाब नहीं देना चाहिए था,

जी मेरा मतलब है जहां आप और अम्मी चाहें,

अम्मी शब्द सुनते ही अयान की अम्मी फूले नहीं समा रही थी,

हाय मेरी बच्ची आज इसने पहली बार मुझे अम्मी बोला है,  

रात के आठ बजे अयान कि गाड़ी नुसरत के घर के सामने रुकती हैं,

नुसरत काफी सारा सामान लेकर उतरत हैं और अयान की अम्मी को शुक्रिया कहते हुए एक नज़र अयान को देखकर पलके झुका कर मानो कोई इशारा किया,

इतने में अयान गाड़ी से उतरकर सामान लेकर आगे घर नुसरत के घर कि तरफ बढ़ गए ,

जी अब्बू कैसे हैं ,नुसरत के अब्बू ने अयान को गले लगा लिया और बोले अब ठीक हूं।

( आगे के भाग में देखिए अयान और नुसरत की सगाई और निकाह भाग 5)


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