Deepti Tiwari

Abstract Drama

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Deepti Tiwari

Abstract Drama

आओगे जब तुम ओ सजना

आओगे जब तुम ओ सजना

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आज चार साल हो गए अम्मा न तो फोन ही आया न तो इनकी ही कोई ख़बर है, बोलो क्या करें रोते हुए ,

अरे बरसात का मौसम है, खांसते........ हुए हो सकता है बरसात में भीग गया हों !

क्या अम्मा कुछ भी बोले जा रही हो तुम्हें न लगता की बेटे का मुंह देखे कितना दिन हो गया ।

हां सच तो कह रही हो ऊ जब राकेश की बिटिया की शादी थी तब आवा रहें हाँ तो हो गए कुछ डेढ़ साल ,

अम्मा डेढ़ साल नहीं पौने चार साल होने को आए

ई लड़कवा जब पेट में रहा दू महीना बाकी थे होने को तब ही तो चले गए थे।

हां का करे इतना दूर है की हाल ख़बर भी लेने किसे भेजे ।

कुछ न हुआ होगा सब राम के ऊपर छोड़ दो वही भला करें सबका 

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई खट खट........

अरे जा दरवाजा खोल पता नहीं कौन आया होगा , हां जा रहे अम्मा बड़बड़ाते हुए ।

हे तुम कौन हो ?

हम इस घर के मालिक है।

अम्मा ओ अम्मा ,

अब तुमने ये घर भी बेच दिया क्या हे राम राम।

अरे क्या बके जा रही घर बेच दिया,

और नहीं तो क्या दरवाजे पर एक गोरा चिट्ठा लंबा आदमी देखन से अंग्रेज़ जैसों कह रहा है हम इस घर के मालिक हैं ।

हे राम देखें कौन है चल तो , सास बहू दोनों दरवाजे की तरफ जाती हैं।

सास अनजान आदमी से ,कौन है, अरे अम्मा अंग्रेज है अंग्रेजी में बोलना पड़ेगा ,तो ले तू पूछ कौन है?

हेल्लो मिस्टर हाउ डू यू डू 

सामने वाला आदमी जोर से हंसते हुए , क्या अम्मा अपने लाल को ही नहीं पहचानती हम है आपके विशाल ,

अम्मा कि आंखों में आंसुओं कि धार रुकने का नाम नहीं ले रही थी,

यहां अनिता भी अपने आंसू पोंछती हुई अपने पति के गले से लग जाती है , सास कुछ शरमाते हुए अरे बहु भईया को अंदर तो बुला ले तभी पीछे से चार साल का बेटा आवाज सुनकर नींद से जाग उठा और रोते हुए दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया,

अनिता का गुस्सा उड़न छू ,और सुना है विशाल का तबादला यही लखनऊ में हो गया है,

मां ने आसमान की तरफ़ देखकर ऊपर वाले को धन्यवाद दिया ।

तभी किसी बात पर जोर से हंसने की आवाज़ आती हैं और इस नाटक का पर्दा गिरता है ।



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