Deepti Tiwari

Abstract Children Stories

4.0  

Deepti Tiwari

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दयालू राजा

दयालू राजा

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एक समय कि बात है काशी नगर जो गंगा नदी के किनारे बसा था, राजा सूर्यसेन अपने दान और अपनी दयालु स्वभाव के कारण बहुत प्रसिद्ध थे। 

जिसे भी आवश्यकता होती राजा उसे धन से भर देता।

ये खबर जंगल तक पहुंची तो चिड़ियों के राजा बाज़ को विश्वास नहीं हुआ और कहा कि जब तक मैं इसका इम्तिहान न ले लूँ मुझे यकीन नहीं होगा।

और बाज़ काशी नगर के लिए उड़ चला।

राजमहल पहुंचा उस समय राजा सो रहे थे, तभी बाज़ ने जोर जोर से रोने लगा,

तभी राजा की आंख खुली बाज़ से उसके रोने का कारण पूछा तो बाज़ बोला,

मैंने काफी दिनों से कुछ नहीं खाया है अब मुझमें वो बल नहीं की मैं शिकार कर सकूं मैंने आपके बारे में बहुत सुना है आपकी दया भावना और दान को,

राजा ने पूछा बोलो तुम्हें क्या चाहिए ......

बाज ने कहा ताजा मांस खाने के लिए मुझे चाहिए मैं बहुत भूखा हूं।

राजा ने बिना कुछ सोचे समझे तलवार उठाई और अपने जांघ से मास काट काट कर बाज़ को देने लगे, ये देख कर बाज़ की आंखों में आंसू आ गया , माफ कर दीजिए मैं माफी मांगता हूं, बाज़ अपने ईश्वर स्वरूप में आए और कहने लगे हे राजन आप जैसा दानी और दयालु और कोई नहीं हो सकता, बड़ी खुशी के साथ बाज़ उड़ा और गाना गुनगुनाने लगा "राजा बड़ा दयावान है प्रभु की माया कितनी महान है।"



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