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Deepti Tiwari

Drama Others

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Deepti Tiwari

Drama Others

पहला प्यार

पहला प्यार

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हां आप कह सकते हैं वो मेरा पहला प्यार ही था,

अब आप कहेंगे थे का क्या मतलब.........

वही अल्हड़ उम्र वाला प्यार।

बात उस समय की है जब मैं कालेज में थी, शान्त और शर्मीली सी लड़की कब उस कालेज की जान बन गई मुझे भी पता नहीं चला।

कालेज के सारे लड़के दिसंबर में मनाए जानें वाले डेज का इंतजार करते जिनमे रोज़ डे, चॉकलेट डे, प्रपोज्ड डे, ट्रेडिशनल डे और भी बहुत कुछ, जिनमें लड़कियां साड़ी पहनती और लड़के सूट, आज कल कॉलेज में ये सब होते हैं या नहीं कोई आइडिया नहीं

उस दिन होता था दीदार ए मोहब्बत अर्थात जिसे भी एक तरफा दो तरफा मोहब्बत हो आज के दिन ही इज़हार कर ले

तो जहां कॉलेज कि सबसे खूबसूरत लड़कियों में से एक मैं,(ये बात एक दम सच है की मैं कॉलेज के समय में खूबसूरत थी या हूं क्या लिखूं खैर जो भी हैं)अलग अलग रंगों के गुलाब लेकर अपने कुछ दोस्तों के साथ बस में चढ़ गई

अगले स्टॉप पर एक लड़का चढ़ा गोरा लाल रंग कि शर्ट पहने निहायत ही हैंडसम 

और उसमें कहर ढाने वाली बात यह की वो भी बार बार मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था।

अब तो मैं चाहें कुछ भी हो उसी बस में चढ़ना है 

एक दिन वो बस मुझसे मिस हो गई पर उसी स्टॉप पर वो लड़का खड़ा था, मैं उसके पास गई और मैंने उससे पूछा आप यहां, जी आज आप बस में नहीं आए थे तो मैं आपका इंतज़ार कर रहा था।

ये इंतजार प्यार में बदल गया हम उस बस स्टॉप पर मिलते बाते करते और फिर अपने अपने घर कभी कभी फोन करते थे एक दूसरे को।

मेरे पापा हम सभी को कुछ दिन के लिए गांव ले गए थे वहाँ कोई लड़का उन्हें पसंद आ गया था और कुछ दिनों बाद मेरी उस लड़के से शादी हो गई।

शादी के पंद्रह साल बाद मैं अपने शहर वापस आ तो गई फिर वही बस स्टॉप, याद आया उसका मुस्कुराना याद आया, पता नहीं वो कहाँ होगा, अब ढूंढना भी चाहूं तो किसलिए, अब तो आदत हो गई है अकेले रहने कि, जी लेंगे हम अपनी इस अधूरी मोहब्बत के संग।

बस यूं तेरे आधे अधूरे यादों के संग।।


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