Deepti Tiwari

Romance

3  

Deepti Tiwari

Romance

कुछ ख़ास तो हो तुम (भाग 6)

कुछ ख़ास तो हो तुम (भाग 6)

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बहु के आवभगत के कुछ ही दिन बाद घर में काम करने वाले सभी नौकरी को निकाल दिया गया यहा तक की खानसामा जो चौदह वर्ष तक यहां रहा उसे भी निकल दिया गया ,

"हाय नुसरत क्या होगा हाय ..................."

"क्या हुआ अम्मी कुछ तो कहें"

"हाय नुसरत ये कम्बखत नौकरों को न जाने किसने बहका दिया सारे के सारे काम छोड़कर चले गए यहां तक खानसामा भी , हाय मेरी समझ में तो कुछ नही आ रहा एक दिन में नौकर कहा से लाऊं या अल्ला अब मैं क्या करूं ।"

"अम्मी आप परेशान न हो मैं सारा काम देख लूंगी!"

" हाय नुसरत ये क्या कह रही हो अभी तुम्हे आए हफ्ता नहीं बीता और तुम रसोई , झाड़ू पोंछ ना ना !"

"अम्मी अब ये मेरा भी तो घर है और आप आराम करिए और बताइए खाने में क्या बनाना है।"

"अच्छा खैर अब कोई रास्ता भी तो नहीं है ,बेटा पहले एक काम करो दुकान पर जाकर दो किलो मटन ले आओ आज मेरी बहन और उनके शौहर खाने पर आएंगे ।"

"जी मैं मटन ले कर आती हूं"

"अरे सुनो मुंह ढक कर जाना कोई जान न पाए की तुम मेरी बहु हो।"

"चिंता न करें अम्मी।"

( अब इस तरह से घर का सारा काम नुसरत के ऊपर आ पड़ता है)

"वाह बड़ा लज़ीज़ खाना पकाती है तुम्हारी बहू" ,

"हां बस ठीक ठाक कर लेती है ।"

"अरे नुसरत बर्तन साफ कर के चूल्हा अच्छी तरह साफ कर के ही सोने जाना ,अरे हा सब हो जाए तो जरा गरम तेल लाकर पैरो कि मालिश कर देना ।"

"जी अम्मी अभी आई!"

तभी अयान की आवाज़ आती है "नुसरत कितना टाइम लगेगा साढ़े बारह बज रहे हैं।"

कोई जवाब नही मिला ,अयान कई दिनों से परेशान सा है ।नुसरत जब तक आई तब तक रात के ढाई बज चुके थे ।

अगले दिन नाश्ते की टेबल पर अयान कुछ चिंता में डूबा हुआ था की अम्मी ने पूछ ही लिया ,"क्या बात है आफिस में काम ज्यादा है।"

अयान ने कोइ जवाब नहीं दिया।अयान ने बड़ी शांति से कहा "अम्मी क्या मैं आपसे कुछ पूछ सकता हूं?"

"हां बेटा क्यू नही बोल!"

"अम्मी जब नुसरत का और मेरा निकाह हुआ था और जब ये इस घर में आई थी तब तक भी इसकी मुस्कुराहट इस घर में गूंजती थी , ऐसा लगता था की जैसे इस घर में कोई बहु आई है इसके गुनगुनाने की आवाज पर अब ये बुझी बुझी सी सब कहा गायब हो गया।"

"ये क्या बकवास है हाय मुझे क्या पता" .

"अम्मी मैं मेरी नुसरत को इस शहर से दूर लेकर जा रहा हूं मै उसे मरते नही देख सकता" ये कह कर अयान रो पड़ता है।

"या अल्लाह ये मुझसे क्या हो गया मुझे माफ कर दे बेटे मुझे माफ कर दे पता नहीं मुझे क्या हो गया था तू कही न जाना मै सब ठीक कर दूंगी।"

अगले दिन सारे नौकर अपने काम पर लौट आए , खनसामा अपने काम में लग गया .

नुसरत की मुस्कुराहट को लौटाने में अयान ने नुसरत की खूब मदद की ,सुना है नुसरत किसी स्कूल में पढ़ाती भी है ।

अयान कुछ नुसरत की तरफ देखते हुए बोले "तुम्हारी हंसी मुझे बहोत प्यारी है क्यों कि कुछ तो ख़ास हो तुम मेरे लिए नही बहुत खास हो तुम मेरे लिए!"

इस तरह दोनो हमेशा के लिए एक होगी और सुना उनके दो चांद से बेटे है और उनके नाम भी बहुत खूबसूरत है अमान और अरमान ।



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