कृपा हैं बस आपकी गुरूजी !!
कृपा हैं बस आपकी गुरूजी !!
क्या बताऊँ बात मैं उनकी,
आज जो हूँ, कृपा है उनकी।
हर पग, हर पथ पर चलते,
मार्गदर्शन सदा वो करते।
जब मैं उनसे दूर बहुत था,
तब भी साथ उनका महसूस होता।
सच की राह हमें दिखाते,
मुसीबतों से बाहर निकालते।
पिता-सा फर्ज निभाते हैं,
ज़रूरत पर डाँट भी लगाते हैं।
क्या आज भी ऐसे गुरु हैं,
जो गुरुकुल की याद दिलाते हैं?
यही सोचकर मन मुस्काता,
भाग्यशाली हूँ, कृपा जो पाता।
जब घर जाता, रोकते नहीं,
हर इच्छा में बाधा कोई नहीं।
बीमार होता, चिंतित हो जाते,
घर की याद पर पास बुलाते।
जीवन के हर पहलु में,
साथ उनका मिलता है दिन-रात में।
गुरु कृपा से नाम मिला है,
श्री रणजीत प्रताप सिंह जी का साया मिला है।
आज भी तरक्की मिल रही है,
कृपा उनकी साथ चल रही है।
रण में जीत का आशीर्वाद,
हर पल देते हैं वो संवाद।
चंद शब्दों में कैसे कहूँ,
गुरुजी की महिमा को मैं भरूँ?
स्वस्थ रहो, मस्त रहो सदा,
यही आशीर्वाद उनका बना रहा।
क्या बताऊँ बात मैं उनकी,
आज जो हूँ, कृपा है उनकी।
#धन्यवाद गुरुजी#
