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Neha Thakur

Abstract Inspirational Children

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Neha Thakur

Abstract Inspirational Children

जीवन से मिली प्रेरणा

जीवन से मिली प्रेरणा

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जीवन की राय एक ऐसा शब्द जो मनुष्य के लिए सबसे जरूरी और आवश्यक होता है क्योंकि जब तक जीवन में कोई राह ना मिले तब तक इंसान के जीवन कान्हा शुरुआत होती है ना अंत होता है। जीवन जो राह के बिना अधूरा है जिसे एक शब्द पूरा करता है जब तक रास्ता ना मिले तो कदम कहां चलाएं यह सोचने वाली बात है क्योंकि जब तक किसी काम की शुरुआत करने के लिए राह ना दिखाई दे तब तक हम उस कार्य की शुरुआत कैसे करेंगे क्योंकि राज्य दिखते हैं तभी हम उस पर चल सकते हैं बिना राह के कुछ नहीं मिलता।

 अगर किसी भी वजह से हमरा भटक जाते हैं तो किसी के बताने पर फिर से हम अपने राह पर चल पड़ते हैं पर अगर एक बार खुद से सही राह चुन लो तो उस पर ना हम आने वाले कल के बारे में सोचते हैं ना बीते कल को क्यों की राह पर चल रहे हैं तो कुछ करके ही जाएंगे यही हमारा सोच होता है।

मनुष्य के जीवन में योग के प्रकार बदल रहा है बच्चे और बूढ़े दोनों ही अलग अलग हो चुके हैं हर इंसान में कुछ ना कुछ बदलाव दिख रहा है क्योंकि जो युग हमारे बड़ों का था वह आज नहीं जो वक्त उनके थे वह आज हमारे नहीं है।

मेरे दादाजी के वक्त में हर कोई अपना के ऊपर निर्भर था पर आज के वक्त में हर कोई खुद के ऊपर निर्भर है पहले जो बड़े कहते थे वह संहित आज जो हम सोचते हैं वह सही समझते हैं। क्योंकि जरूरी नहीं हर बार जो बड़े कहे वही सही कभी-कभी छोटों का कहना भी सही बन जाता है। 

जैसे आज के वक्त में इंसान खुद की अलग पहचान बनाना चाहते हैं। जैसे पहले के लोग मेरे भाई यह हैं वो है कहते थे आज के लोगों का यह मैं यह हूं मैं वह हूं क्योंकि आज के लोगों में एक ही चीज है जब तक अपनी पहचान ना बने तब तक किसी के भी दम पर खड़े हो जाओ कोई इज्जत नहीं करेगा। जैसे-जैसे वक्त बदला वैसे वैसे मिली प्रेरणा और विचारों से इंसान भी बदल गए क्योंकि सही है जब तक हमें किसी भी चीज से कोई नई चीजें सीखने को नहीं मिलती तब तक हम नहीं समझ सकते कि वक्त क्या है। जैसे प्रेरणा एक ऐसा शब्द जो किसी के जरिए हमें मिल जाता है प्रेरणा अगर ना मिले तो हम भूल जाते हैं कि यह किसी भी राह से भटक जाते हैं क्योंकि जब तक किसी भी चीज की जानकारी ना हो तब उस चीज में हाथ डालना बेवकूफी होती है। जिंदगी में एक ही चीज सिखाया है कि जब तक कुछ सीखो ना तब तक कुछ समझ नहीं आता और समझने के बाद ही इतने समझदार बन जाते हैं कि दूसरे को समझाने लगते हैं। 

जैसे कुत्ते से एक सीख मिलती है मतलब अर्थात एक प्रेरणा मिलती है कि की वफादारी कैसे निभाई जाती है अगर हमारा मालिक हमें पालता है तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उसकी हर तरह से रक्षा करें। पर मेहर इंसानों को तो नहीं पर कुछ इंसानों को कह सकती हूं कि वह अपने मां-बाप के ही किए कामों को भूल जाते हैं क्योंकि उन्हें अपने आप पर घमंड हो जाता है।

यह कैसी आप खुद की दुनिया है ईश्वर जहां अपने मां बाप को ही बच्चे वृद्ध आश्रम में भेज देते हैं और कभी-कभी मां बाप ही अपने बच्चों को बहुत समझकर अनाथ आश्रम में डाल देते हैं बड़ी अजीब दुनिया बन गई है तेरी जो तूने बनाया था वह कहां गुम हो गया है तेरे युग में जब जब तू आया तब तब एक नई पहचान बनी आज भी यह दुनिया तेरे ही आने का इंतजार कर रही है, कब आओगे। 

जैसे वक्त बदला इंसान बदले मां-बाप बदले बच्चे बदले क्यों ऐसा क्यों हर कोई क्यों बदल गया है मैं पूछती हूं क्या बदला है आप खाते भी वही है पीते भी वही हैं धर्म जात हर चीज का वेट करते हैं क्या आपका खून अलग है क्या उसने खुद आकर कहा है यह है तो मुस्लिम है ऐस है गलत है दुनिया में जो जो बनाया था उसका अधिकार आप जिनके आपके इस दुनिया को बना रहे हो बने रहने दो जो दुनिया बनी है जो खूबसूरत सा एक समा बनाए ज इस दुनिया की हरियाली है जो इस दुनिया की खूबसूरती है उसे उसे वैसे ही रहने दो उसे मत बिगड़ो क्योंकि वह दुनिया उस ईश्वर की देन है उस भगवान ने हमें प्रेरणा और विश्वास जैसे भरा है वैसे ही इस दुनिया में उसने हरियाली खूबसूरती इंसानों में प्रेम हर कुछ भरा है उसके कार्य को व्यर्थ ना जाने दो।

प्रार्थना है सबसे स्वर कि मानो पूजा में सबसे मेरी ना समझो आशा करती हूं कि मेरी बातें समझ आई मैं एक छोटी सी बात आपको बताना चाहती हूं जो मैंने अपने जीवन में करके बहुत सारी प्रणव को पाया है राह मंजिल पाई है मेरे जीवन की सबसे बड़ी और सबसे अनोखे दिन थे जो मैंने ऐसी जगह पर बिताया जिस जगह से मुझे प्रेरणा और राह चुनने की एक नई पहचान नई उड़ान मुझे उस जगह ने एक नई पहचान भी दे डाली है।

मैं मुंबई में रहती हूं मेरा गांव बिहार में है, मुझे कोई ऐसी जगह की तलाश थी जहां मुझे कुछ नए चीजों का अनुभव करने को मिले जैसे राजस्थान; राजस्थान एक ऐसी जगह है, जहां पर लोगों को एक चीजों की नई-नई बातों को अलग-अलग प्रथाओं सीखने को मिलता है। मैं मेरे साथी हम सब ने सोचा कि अब हम राजस्थान जाएंगे हम राजस्थान के लिए मुंबई से निकले फरवरी का महीना था। कड़कती धूप में यहां से मेरा जन्मदिन मनाने के बाद निकले मेरा जन्मदिन 12 फरवरी को था हम यहां से 14 फरवरी साल 2017 को मैंने अपने जीवन में बहुत नई नई चीजों के बारे में सीखने की चाहत रखी थी मेरे माता-पिता मुझे कभी भी कहीं जाने नहीं देते थे। उनका मानना था कि बेटियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए उन्हें जो पिता हमें उन्हीं बातों का सम्मान करना चाहिए मैं इन बातों को नहीं मानती थी, मैंने अपने जीवन में कभी अपने माता-पिता की बातें नहीं सुनी है। क्योंकि माता-पिता हमारे लिए र्ईश्वर होते हैं। मैं हूं ईश्वर की हमेशा पूजा करती हूं पूजा दिखावे से नहीं होता है दिल से होता है पूजा मतलब यह नहीं कि आरती की थाल में तिलक और चंदन फूल रखकर उनकी पूजा करो पूजा मतलब यह होता है कि माता-पिता जो कहे उन्हें मानो भी अगर गलत रहेंगे तो माता-पिता से वार्तालाप करके उन बातों को समझा लो अगर ना समझे तो की कुछ वक्त ऐसे होते हैं, जब हमें खुद फैसले लेकर अपने माता पिता को कुछ करके दिखाना होता है क्योंकि अगर एक बार हम माता-पिता को करके दिखा देते तो वह मान जाते कि हमारे बच्चे हमारा नाम एक दिन इस दुनिया में सबसे आगे लेकर जाएंगे। बचपन से आज तक मेरे पिता ने कभी मेरा साथ नहीं दिया पर मैंने कभी बुरा नहीं माना क्योंकि मैं जानती हूं दिल से तो वह हमेशा मेरे साथ है उनका आशीर्वाद हमेशा मेरे सर पर बना रहेगा मेरी मां ने भी पिता की आज्ञा का पालन किया उनका मानना था जो पिता कहे वही सही मैं नहीं मानती थी मैं मेरे मन की करती अमन की करके मैं आज वहां तक पहुंच गई जहां पर मुझे कोई कुछ कह नहीं सकता मुझसे बातें करने के लिए भी लोगों को वक्त चाहिए पर मेरे पास वक्त उन लोगों के लिए है। जो मुझे सही और हर अच्छी बातें बताएं गलत बातों को क्यों सुनना गलत बातों से गलत विचार मन में आते हैं प्रेरणा नहीं मिलती सही बातों से और सही लोगों से कुछ प्रेरणा मिलती है हमें। 

राजस्थान में पहुंचकर मैं अपने होटल के लिए रवाना हो गए हम जिस होटल में पहुंचे थे वह जयपुर में था मेरी राह की शुरुआत जयपुर से ही होने वाली थी जयपुर के एक छोटे से गांव में मैंने जाकर वहां के लोगों से बातचीत की वहां के लोगों के विचार जाने, 

तब मुझे पता चला कमला नाम की एक उस गांव में लड़की रहती थी जिसके पिता ने उसकी हर बातों को काटा आज उसके पिता ने उसकी जीवन में सबसे बड़ी भूल कर दी वह उसकी शादी उस इंसान से करवा कर जो उसकी इज्जत करना भी नहीं जानता क्यों स्त्रियों को इज्जत का अधिकार नहीं है गलत किया है तुमने पिता को भी समझना चाहिए अपने आसपास के लोगों को देखकर उनकी प्रेरणा तो समझना चाहिए थी मैंने यह सोचा मैं अंदर से बहुत रो रही थी वक्त के साथ मुझे समझा पिता को क्या मालूम था कि उसकी बेटी के साथ ऐसा होगा।

फिर पता चला कि उनकी बेटी ने उन्हें कहा था पिताजी मुझे विवाह नहीं करना है मुझे पढ़ लिख कर एक शिक्षिका बनना है पर पिता ने उसकी बात ना मानकर उसका विवाह करवा दिया। अगर वह चाहते तो जो विवाद के लिए उन्होंने पैसे खर्च किए हुए उसकी शिक्षिका की पढ़ाई के लिए भी कर सकते थे जिससे उनका नाम भी हो जाता और उनकी बेटी का जीवन समय भी ज्यादा पर गलत है यह बातें उन्होंने नहीं समझे पर आप क्या कर सकते जब जीवन खराब हो गया ऐसा उन्होंने मुझे तो मैंने कहा नहीं अभी भी वक्त है आप कुछ ना कुछ बन सकते हैं मैं आपकी मदद करूं और मैंने उनकी मदद की वह पढ़ी-लिखी वह काफी ज्यादा पढ़ी-लिखी और समझदार थी। वह कभी विद्यालय नहीं गई पर विद्यालय स बाहर बैठकर उन्होंने हर चीजें सीख ली थी। जिस वजह से वह काफी ज्यादा होशियार थी और उन्होंने शिक्षिका की पढ़ाई पूरी की और विद्यालय की शिक्षिका की जगह प्राध्यापिका उन्हें बना दिया गया सलमान के साथ लोग उन्हें बुलाने लगे यह चीजें होते देख उनके पिता को भी समझ गया कि मैंने अपनी पुत्री के साथ गलत किया उसे पढ़ाता लिखा था तो आज वह मेरे घर से प्राध्यापिका का सम्मान पाकर जाते ना कि इतने दुख जेल कर फिर उन लोगों ने मेरा धन्यवाद किया। 

प्राध्यापिका की पढ़ाई करवाने के लिए मैं उन्हें अपने साथ मुंबई में मुंबई में उनकी पूरी पढ़ाई का खर्च मैंने अपने एक अंकल को कहकर करवाया इस बात पर कि जब मैं नौकरी करने लगेगी तब उनके पैसे चुका दूंगी और मैंने वही किया पर मुझे क्या पता था कि वह अपने प्राध्यापिका की पढ़ाई करके वह पैसे चुका देंगे। 

उसी तरह उन्होंने अपने सारे पैसे चुका दिए और प्राध्यापिका के पद पर बैठकर सम्मान पाया और अपने अधिकार के लिए लड़ी थी उसका श्रेय पाया उन्होंने सारा श्रेय मुझे दिया मैंने कहा नहीं। यह मैंने आपकी है आपने जो किया है वह अपने दम पर किया इसे किसी और को ना दे हमेशा अपना श्रेय अपने पास ही रखें क्योंकि जैसे मैंने आपकी मदद की है वैसे आप किसी और की करें मैं यही चाहती हूं तो उन्होंने एक संस्था खोली, जिसमें एक ही था हर इंसान को अपना अधिकार पाने का पूरा हक है। इस बात से मुझे बहुत खुशी मिली मुझे इस बातों से प्रेरणा मिलेगी हर इंसान के अंदर कोई ना कोई छुपा होता है जैसे कला के बीच कलाकार छुपे होते हैं वैसे ही लोगों को भी जो गलत विचार है वह किसी एक इंसान के वजह से बदल सकते हैं उसी कारण से उनके पिता के कारण और उनके कारण पूरे गांव के विचार बदल गया उन लोगों ने हर बच्चे को पढ़ाने और उनके बातों को समझने का प्रण ले लिया। 

और आज वह गांव वैसे ही खुशहाल और काफी ज्यादा समझदार है लोगों से भरा है क्योंकि हर एक इंसान में अलग-अलग कल आए हैं अब वहां के बूढ़े लोग को मैं भी जो कलाएं उसका प्रदर्शन होता है मुझे खुशी है कि मैं कुछ ना कुछ कर पाई अपने जीवन में। 

यही छोटी सी बातें जो मेरे जीवन में मुझे प्रेरणा की तरफ ले गई और राहुल तक ले गई उस गांव की वजह से आज मुझे एक नई पहचान मिली है वह है उस संस्था की सीनियर मैं ही बनी हूं। अरे संस्थान मेरे ऊपर चलती है मैं पूरी संस्था को चलाती हूं और पूरी संस्था हमारे लिए एक बहुत बड़ी देन है राजस्थान और मुंबई बिहार यूपी हर जगह यह संस्था काम कर रही है। 

और मैं सब से यही आशा करती हूं कि अपने जीवन में प्रेरणा लेने के लिए आप कोई ना कोई राह तो जरूर ही चुनेंगे किसी की मदद भी करेंगे यह कहानी सी छोटी सी बातों पर थी । यह कहानी छोटी भले ही है पर मेरे जीवन में हुई बड़ी-बड़ी बातें और बदलाव पर बनी हुई है मैंने अपने जीवन में जो देखा है वही कहा हुआ है।

ऐसी बात थी बस कहना आप लोगों से था समझना यह आपका कर्तव्य है जब तक ना समझोगे तब तक दुनिया नहीं बस क्योंकि दुनिया बदल ना तो यह हमारे ही हाथ में है।

बदलो इस दुनिया को बदलो, लोगों की सोच जीवन को बदलो हर चीज में मिली है, एक सीख प्रेरणा से मिली; एक पहचान इंसान में बदला एक ही रहे।


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