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Neha Thakur

Abstract Inspirational

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Neha Thakur

Abstract Inspirational

"सोने की चिड़िया है भारत"

"सोने की चिड़िया है भारत"

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भारत वह देश है जो आज तक अपनी कलाकृतियों के लिए जाना जाता है। भारत देश को सोने की चिड़िया का नाम दिया जाता है, क्योंकि भारत वह देश है। जहां रामायण महाभारत जैसी गाथाएं घड़ी भगवत गीता जैसे ग्रंथ है जिस भारत की पावन भूमि पर श्री राम और श्री कृष्ण का जन्म हुआ। भारत की इस पावन भूमि पर मेरा जन्म हुआ यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इस भूमि का हर एक जवान अपने देश के लिए मर मिटने के लिए हर वक्त तैयार रहता है। भारत की इस पावन भूमि पर मैंने जन्म लिया इस बात का मुझे बहुत गर्व है। भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता है। बल्कि भारत के पास आज के वक्त में कुछ भी नहीं है, सब कुछ तो दूसरों को दान कर दिया भारत व देश है जहां दान पुण्य परम धर्म है। जब भी किसी को जरूरत पड़ती है तो भारत उसकी मदद हमेशा करता है क्योंकि भारत के लिए हर कोई मित्र जैसा लगता है। भारत को सोने की चिड़िया इसलिए कहा जाता है क्योंकि भारत की माटी में ही सोना है भारत का हर बच्चा एक सोने की तरह खिलता है। भारत के बच्चे में जो साहस और अच्छे विचार पाए जाते हैं। वही इस भारत को सोने की चिड़िया बनता है। भारत की धरती अनाज के रूप में सोना उगाती है क्योंकि वह धन ही है जो पेट पलता है उसी के कारण हम अपने घर में दो वक्त का भोजन बना पाते हैं। वही किसान होते हैं जो बहुत कष्ट करके इस धरती पर अनाज उगाते हैं। वही तो है जो भारत को शान से जीना सिखाता है। भारत के हर बच्चे यही सोचते हैं की बड़े होकर हम अपनी भारत मां के लिए अपना पूरा योगदान करें, जरूरत पड़े तो; इस भारत मां के लिए अपना जान भी न्योछावर कर दे। 


इस भारत भूमि के हर बच्चे और नौजवान के अंदर साहस भरने वाला वह आकाश में हर वक्त लहराता हुआ तिरंगा है। जिसमें तीन रंग और एक अशोक चक्र है। पहले रंग भगवा जो भारत के हर बच्चे को संस्कृति और साहस देता है, दूसरा रंग सफेद अच्छे विचार और साहस का प्रतीक है, तीसरा रंग हरा विजय और साहस का प्रतीक इसने हमेशा भारत के बच्चों को और नौजवानों को हर कुछ करने की ताकत दी है। एक वक्त था जब मैं भी हर चीज से भागती थी मुझे डर लगता था कहीं मैं सबके सामने गलत बोलकर शर्मिंदा न हो जाऊं, मैं डरती थी की कहीं मुझ से कोई गलती ना हो जाए। पर मेरी शिक्षिका ने मुझसे कहा एक बार इस तिरंगे को देखो क्या उसे डर लगता है कि मैं आकाश में इतनी ऊंचाई पर उड़ता हूं तो क्या कोई पंछी आगे मुझे चोट पहुंचा दे या कोई कहे तू कितना लंबा है हम सबको देख। मेरी शिक्षिका ने मुझसे कहा था कभी जिंदगी में किसी भी चीज से भागना उसका समाधान नहीं है उसका सामना करोगे तभी उसका समाधान पाओगे। तब से आज तक मैं मेरी जिंदगी में बहुत सारे स्पर्धा में भाग लेकर बहुत सारे उपहार पाए हैं आज हर कोई जानता है मुझे जब भी अपने विद्यालय में जाती हूं तब मेरी शिक्षिका मुझे कहती है तुझे आज तक कोई भूल नहीं पाया क्योंकि तूने अपना नाम ऐसे ही बनाया है और हां मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ किया है इन सब का श्रेय में मेरी शिक्षिका के बताएं उन बातों को देता हूं। और उसे शान तिरंगे को जिसके देखने से ही मेरी आंखों में मेरे शरीर में एक नया उमंग और जोश आ जाता है। जो मुझे साहस देता है कि देख उसे तिरंगे को आज तक कोई झुका ना पाया उसको तू क्यों डरती है किसी से झुकना तेरी शान नहीं। पंछी की तरह ऊंचे आकाश में उड़ने के लिए पहले धरती पर खड़ा होना सीख अगर छोटी सी कठिनाइयों से डर जाएंगे हम तो कहां उसे बाज की उड़ान उड़ेंगे। 


अब तो किसी चीज से डर नहीं लगता क्योंकि डर एक मां का बहन है उसे तीन रंग की तिरंगे ने मुझे वह सिखला दिया जो मैंने मेरे जीवन में कभी जाना ही नहीं थी। तिरंगे की हर उसे रंग ने मेरे अंदर उमंग दिया है मैं उसे तिरंगे के लिए बहुत कुछ करूंगी यह मैंने ठान लिया उसे तिरंगे की शान को कभी झुका ना पाया कोई तो हमारा भी फर्ज है कभी उसे झुकने नहीं देंगे। जब हमारे भारत में कोरोना जैसी महामारी आई थी; तभी इस तिरंगे की शान वैसे ही लहराई थी। हर कोई घबराए था पर तिरंगा अपने साहस पर डटकर खड़ा था उसे तिरंगे की साहस ने भारत के हर इंसान में उमंग भर है। आज हमारे बीच वह इंसान है जिन्होंने हर भारतीयों को उसे तिरंगे का असली महत्व समझाया भारत में हर इंसान के अंदर जो ताकत छुपी हुई है उसका अर्थ बताया। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, मैं उनका दिल से सम्मान करती हूं मेरे लिए वह मेरे रोल मॉडल है उन्हें के कारण मैं अपने आप को बदलने की कोशिश की। हम बच्चों में बहुत सारे दर छुपे होते हैं, पर उसे डर से सामना करवाने वाले लोग ही हमारे रोल मॉडल बनते हैं। मोदी जी के आने के बाद भारत में बहुत कुछ बदला जिस भारत को दूसरे देश अपने सामने खड़े होने तक नहीं देते थे आज वह सारे देश भारत के साथ चलना चाहते हैं। यह सब हमारे मोदी जी के कारण हुआ है। भारत के तिरंगे की शान है वह दिन जब भारत में हजारों करोड़ों लोगों ने इस तिरंगे के लिए अपनी जान दे दी थी, अपने प्राण त्यागे थे। इसी भारत में जन्मे सुभाष चंद्र बोस,आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, गांधी जी, अटल बिहारी वाजपेई, अब्दुल कलाम, पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे लोग और आज ‌श्री नरेंद्र मोदी जी आज इन सब की वजह से हम हर बच्चों में ताकत आई है इन्होंने अपनी जान को उसे तिरंगे के नाम कर दिया था क्योंकि इन्हें सिर्फ उसे तिरंगे की शान चाहिए थी। हम हर साल उसे तिरंगे को शान से लहराते हैं। हर साल हम देखते हैं कि लाल किले पर तिरंगे को लहराया जाता है जहां हमारे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हर अलग-अलग संस्कृतियों का सम्मान करते हुए उन्हें धारण करते हैं। क्योंकि उन्हें पता है जिस तिरंगे के लिए हजारों करोड़ों लोगों ने अपनी जान दी उनमें हर धर्म के लोग थे उन्हें धर्म और जाट की चिंता नहीं अपने भारत के तिरंगे की शान की फिक्र थी इसलिए उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे तो हम क्यों भूल जाते हैं कि उसे तिरंगे की शान के लिए जिन्होंने अपने प्राण त्यागे उन्होंने ना धर्म देखा ना जात बस अपने तिरंगे की शान के लिए मिलकर दुश्मनों का मुकाबला किया। 

हुकूमत तो बहुत चला ली तुमने,

अब चलने दो बाजी;

अब देखो क्या करते हैं भारत के यह वासी,

"उनकी शान तिरंगा है उनकी जान तिरंगा है।"

हम भारत के उसे तिरंगे के तीन रंगों पर न्योछावर अपनी जान करते हैं।


इस बार सन् २०२३ में भारत में तिरंगा लहराना बड़ा ही मनोरम हुआ है आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है हम भारत के लोगों ने हर घर तिरंगा फहराया है भारत का हर नागरिक इस अभियान में मिलकर काम किए हैं हर घर में इस बार तिरंगा लहराते हुए देखा है शान से क्योंकि भारत की शान ही तिरंगा है भारत के दिलों में बस यह तीन रंग का तिरंगा है। कौन कहता है कि बस लोग तिरंगे को उसे दिन याद करते हैं जिस दिन भारत देश आजाद हुआ था अब तो हर एक दिन ही महोत्सव के रूप में मनाया जाता है तो कैसे खाओगे कि तिरंगे को बस उसी दिन याद करते हैं या तो स्वतंत्र दिवस के दिन या तो गणतंत्र दिवस के दिन। नहीं भारत में हर दिन की शुरुआत उसे तिरंगे के एक नजर आने से ही होती है हम तो उसे तिरंगे को हर दिन में शुरू करने के बाद और हर रात सोने से पहले देखते हैं। क्योंकि जिस साहस मिलता है वही तो पूरे दिन के लिए हमें ताकत और उमंग देगा इसीलिए उसे तिरंगे को देखते हैं और याद करते हैं वह दिन जब हमारे देश के जवानों ने इस तिरंगे की शान में अपने प्राणों की आहुति दे दी। हर वक्त याद करते हैं इस तिरंगे की क्योंकि यह तिरंगा ही तो है जो हमारे जीवन में खुशहाली लाता है। भारत में हर नागरिक एक दूसरों को भाई-बहन की तरह समझता है। हम देख रहे हैं कि आज के वक्त में भारत में भी बहुत कुछ बदल गया है बहुत सारे लोग एक दूसरों के दुश्मन बन बैठे हैं। पर कितने दिन की यह जिंदगी है तुम्हारी एक दूसरे से दुश्मनी क्यों क्यों तुम भूल जाते हो कि इस तिरंगे के लिए जिसने प्राण त्यागे वह भी अलग धर्म अलग जात के थे उन्होंने तो यह नहीं सोचा था तो हम क्यों सोचते हैं हमें भी उसे तिरंगे की शान में अपने प्राणों को त्यागना है उसे तिरंगे की शान के लिए हजारों को अपने सामने झुकना है। छोड़ो धर्म जात के झगड़े और चलो उठो जवानों भारत माता तुम्हें पुकार रही है। यह उमंग हर दिन वह तिरंगा लाता है हमारे मन में। 

इस बार भारत में तिरंगा लहराने में जो खुशी हुई है वह आज तक कभी नहीं हुई। क्योंकि इस बार हर घर तिरंगा लहराया है हर घर में वह शान लहराते हुए दिखाई है। भारत का तिरंगा जब लहराता है तो भारत के फूल इस तरह खिलते हैं जैसे कि बच्चों की मुस्कुराहट हो उन फूलों में छपी खुशबू ने महाकाय है इस धरती को और भारत के तिरंगे के सम्मान में हमेशा वह फूलों ने भी अपने शीश झुकाए हैं उसे तिरंगे की शान में बहुत कुछ हमें सिखाया है। रंग उसके अनोखे और अनूठे हैं परेशान से जीना आया है।


१५ अगस्त २०२३ को तिरंगा लहराने से पहले हमारे भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर जाने का मिशन शुरू किया ४ साल की उनकी मेहनत के बाद चंद्रयान-३ को १४ जुलाई २०२३ को चंद्रमा की ओर रवाना किया गया। इस बार भारत ने बस चंद्रमा पर पहुंचाना नहीं सोचा था उसने पूरे चंद्रमा को गौर से देखना और पृथ्वी के चक्कर लगाना जिससे हमें वहां की हर जानकारी अच्छे से मिली भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बनने वाला था यस हर इंसान के अंदर भाव चल रहा था कि हमारा चंद्रयान-३ कब उसे चंद्रमा पर पहुंचकर हमारे भारत को एक विजय उत्सव मनाने का अवसर देगा। चंद्रयान-३ में लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दोनों ही गए थें। 

चंद्रयान-३ को १४ जुलाई २०२३ को लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष यान ने ५ अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया, और लैंडर २३ अगस्त २०२३ को १२:३२ UTC पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र [9] में उतरा , जिससे भारत सफलतापूर्वक ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया। चंद्रमा पर उतरने वाला , और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐसा करने वाला पहला।


चंद्रयान-३ भारत के लिए एक ऐसा अवसर बनकर आया था। जिस पर हर भारतीय की आशा टिकी हुई थी उन वैज्ञानिक को की मेहनत थी। चंद्रयान-३ को इसरो सेंटर से लॉन्च किया गया था चंद्रयान-३ को इसरो के साइंटिस्ट और सहायकों ने मिलकर बनाया था उनके इस प्रयास से भारत को एक नई दिशा मिल रही थी चंद्रयान-३ को १४ जुलाई २०२३ को को भेजा गया था और चंद्रयान-३ २३ अगस्त २०२३ के दिन ०६:०४ मिनिट पर चंद्रमा पर उतरकर उसने भारत का एक नया इतिहास बना दिया। चंद्रयान-३ को उसे जगह उतर गया जिस जगह आज तक किसी देश ने अपना झंडा नहीं लगाया चंद्रयान-३ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरा यह सब सफल हमारे वैज्ञानिक को के सफल प्रयासों के कारण ही हो पाया है विक्रम लैंडर के उसे प्रयास के कारण ही वहां सॉफ्ट लैंडिंग हो पाई चंद्रयान-३ की। हर इंसान की नजर घड़ी हुई थी कि कब चंद्रयान-३ चंद्रमा पर उतरकर भारत के लोगों को एक उत्सव मनाने का अवसर देगा और वह हो गया उसके बाद भारत में लोग इतने जोर-शोर से उत्सव मनाने लगे अब हम भारत के लोग कहते हैं हमारे लिए हर दिन उत्सव से कम नहीं है। भारत में एक नया इतिहास रचा है। भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव क्षेत्र में उतारने वाला पहला देश है। आज हमारा तिरंगा सिर्फ भारत देश की धरती नहीं चंद्रमा की धरती पर भी लहरा रहा है और यह हर भारतीय के लिए शान की बात है आज भारत के हर बच्चे जो पहले कहते थे,  चंदा मामा दूर के वह अब कहते हैं चंदा मामा टूर के। अब भारत के हर बच्चे को एक नए अवसर मिल रहा है यह सब हमारे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से हुआ है उन्हीं के नेतृत्व में यह सब हो रहा है। और अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है भारत में। भारत के इतिहास में अभी बहुत कुछ लिखने वाला है। अब भारत का बच्चा-बच्चा एक नया इतिहास लिख रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन से कोई काम किया जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। जो हमने आज चंद्रयान-३ के जारी देख लिया चंद्रयान-३ ने हमारे भारत के बच्चों को एक नई दिशा दी है एक नया अध्याय दिया है। भारत में १५ अगस्त २०२३ के दिन भारत की धरती पर और हर घर में तिरंगा लहराया था उसके बाद २३ अगस्त २०२३ के दिन चंद्रमा पर भी हमारा तिरंगा लहरा चुका है भारत के उसे तीन रंग ने चंद्रमा पर भी स्थान पा लिया है।

अब भारत के बच्चे में एक नई नई कलाओं की उत्पत्ति हो रही है हम कलाकारों की धरती पर जन्मे है हर इंसान के अंदर एक कला है बस उसे पहचानना बाकी है जो हमारे श्री नरेंद्र मोदी के जरिए हम खुद की कलाओं को बाहर ला रहे हैं, इस दुनिया को दिखा रहे हैं कि हम क्या कर सकते हैं। अब तिरंगे की शान में एक नया लुक लिया है जिस वजह से हम भारत सोने की ही चिड़िया नहीं चांद की भी चिड़िया बन चुके हैं। "हम गाते थे यह गाना हम होंगे कामयाब अब हम कहते हैं हम हो गए कामयाब।"

 अब हर कोई खुशी से गाएगा

शत्रु शीश झुकाएगा

अब कह रहे हैं सरहद पर शत्रु तुम्हारी विजय पतंग को हम नमन करते

जो स्थान न पा सके हम

आज तुमने पा लिया है

कहते हैं सब वीर देश के जो कर न दिखला पाया कोई देश वह आज हम कर दिखलाए हैं।

आज भारत का हर नागरिक बहुत ज्यादा खुश है क्योंकि जो सपना सब की आंखों ने देखा था वह आज पूरा हो चुका है। जहां हर देश एक दूसरों का दुश्मन बन बैठा है वहीं भारत सबको अपना दोस्त बनना चाह रहा है। आज हम सब दिल से कहते हैं सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलदस्ता हमारा। हर देश से अच्छा जी देश को हम मानते थे भले ही हम देश से दूर हैं पर उसे देश के तिरंगे और उसे देश की धरती मां को अपने दिल में लेकर चलते हैं। अब से जब भी तिरंगा लहराएगा हर किसी के मन में यह बात आएगी की तिरंगा लहराया बस धरती पर ही नहीं चांद पर भी। आज भारत की ताकत को हर देश सलाम करता है। क्योंकि भारत ने अपने अंदर बहुत कुछ रखा है। भारत की इस धरती में बड़े-बड़े राज छुपे हुए हैं ढूंढे जा रहे हैं। अब भारत का इतिहास बदलना चाहा जिन लोगों ने बदल ना पाए इसका राज। भारत के इतिहास में बहुत कुछ लिखा गया है। भारत में छत्रपति शिवाजी जैसे वीर मराठा आए थे। महाराणा प्रताप जैसे साहसी राजा पाए गए थे। भारत के हर मनुष्य में साहस भारा है। भारत की संस्कृति और भारत की नैसर्गिक सुंदरता ने लोगों को अपनी तरफ इस तरह आकर्षित किया है, जैसे की नजर हटाने का तो दिल ही नहीं करता। 


भारत में अभी बहुत कुछ नया हो रहा है। २०२३ में भारत को नैसर्गिक आपदाओं से भी सामना करना पड़ रहा। बहुत जगह बारिशों की वजह से हजारों घर पानी में इस तरह बह गए जैसे कोई पत्ता था पहाड़ इस तरह टूट कर गिर रहे हैं जैसे की कोई बच्चा छोटा सा खिलौना गिर रहा है। पर फिर भी भारत के लोगों में साहस है वह जानते हैं। कि इन आपदाओं से भी लड़कर हम एक इतिहास रचेंगे आज भारत में ही नहीं हर देश में आपदा आ रही है हर देश के ऊपर बड़ी-बड़ी आपदाएं टूट कर पढ़ रही है। पर भारत के बच्चों का कहना है इतिहास लिखने के लिए छोटी-मोटी छोटे तो खानी पड़ती है क्या हम भूल गए ऐसी आपदाएं पहले भी बहुत आ चुकी है। जिसका सामना करके हमारे जवान और हमारे भारत के लोग आज भी गर्व से अपने आप को भारतीय कहते हैं। हम भी तो उनमें से ही एक है। जो भारत में बड़े-बड़े इतिहासों से बने हैं पुस्तकों को पढ़ते हैं हम जानते हैं, कि इतिहास में क्या-क्या हुआ भले ही हम इतिहास को दोहराएंगे नहीं पर अभी होने वाली घटनाएं भी एक इतिहास लिखेंगे। इन आपदाओं में भी एक सिख छुपी हुई है।


सीखो इस मुश्किल से लड़ना

जन्नत तो तुम देखोगे ही

आज लड़ोगे इसे तब ही

तुम इतिहास में पाओगे खुद को

लिखना है इतिहास हमें

पाना है सम्मान की सीढ़ी 

लड़ जायेंगे मर जाएंगे फिर भी खड़े डटकर हैं

अब हम भारत का एक नया इतिहास लिखवाएंगे।

गर्व है हिंदू होने पर सोने की चिड़िया हम हैं सब।


भारत में हर मुश्किलों से लड़कर एक नया इतिहास लिखा है। जिस कारण भारत हर उसे देश के लिए एक नई उमंग बनकर आता है भारत में हर देश को जरूरत पड़ने पर आर्थिक मदद की है। भारत के प्रधानमंत्री अब हर देश में जाकर बड़ी-बड़ी सुझाव देते हैं। जिस भारत से आज तक किसी ने सही से बात भी नहीं की थी उसे भारत के भाषण के लिए हर देश अब तरसता है। अगर हमारे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी किसी देश में चल जाए तो वहां पर लोगों की भीड़ लग जाती है क्योंकि उन्हें बस उनकी बातें सुनाई है। उनकी बातों में वह जो झलकता है। जैसे की कोई शेर दहाड़ रहा है, उठकर खड़े हो जाओ। हम क्या कहें इस भारत की गाथा इसने तो खुद को ही लिख डाला है अब तो इसी की गाथाओं पर हम शान से जीना सीख चुके हैं।

भारत अब हर देश का मित्र है अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश भी अब भारत को अपना दोस्त मानते हैं। भारत में सूर्य की किरणें जब किसी के चेहरे पर पड़ती है तब वह इंसान यही सोचता है कि अब तेज ने चेहरे को छुआ है अब जिंदगी ने माथे को चुना है तो अब कुछ तो करके दिखलाना है कि कोई शान से कह यही तो बात है भारत के बच्चों में की सूर्य की करने में तेज छुपा है हमारे चांद ने हमें शीतल बनना सिखाया है। अब भारत के लोगों में जो उमंग झलकता है वह देखकर हर देश कहता है भारत जैसा कोई देश नहीं हुआ है, ना हो पाएगा। आज भी भारत में वह उमंग छुपा हुआ है और भविष्य में भी यह उमंग ऐसे ही झलकेगा भारत का हर बच्चा अपने देश पर मर मिटता है, और ऐसे ही मिटता रहेगा। क्योंकि भारत वह भूमि है। जिसे हर इंसानों को पाला है जिसके आंचल में छुपकर लोगों ने अपने आप को पाला है। भारत माता है हमारी धरती मां की वह भूमि को प्रणाम करते हैं हम सब इष्ट हमारी माता है। 


हमसे नफरत पालो ना,

प्यार देना हम जाने हैं।

नफरत की सीढ़ी वह सीढ़ी है,

लोगों को तोड़ डालेगी।

सीधी साधी भूमि है,सीधे-साधे लोग हैं।

प्यार पाव इसे दिल उनके बड़े पवन है। 


भारत की इस भूमि पर जन्म लेना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। वक्त आने पर इसके लिए अपने प्राण त्यागने पड़े तो भी मैं पीछे कभी नहीं हटूंगी क्योंकि इसने मुझे जितना कुछ दिया है उसके बदले तो वह सब बहुत ही काम है। मैं तो शान से कहती थी और शान से कहती रहूंगी सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। हर धर्म को इसने अपने गाड़ियों में पाला है हर धर्म इसके लिए सोने की एक माल है। 


मेरा भारत महान था महान है और महान ही रहेगा क्योंकि इसके जैसा ना कोई हुआ है ना कोई हो पाएगा। भारत माता की जय अब हर कोई गाएगा। 


"गजल छुपे हैं इसके अंदर यह एक छुपा हुआ इतिहास,

भारत एक चिड़िया है जो उड़ता खुले आकाश,

प्यारो से यह प्यार बांट यारों से यह यारी है,

हम सब मिलकर बोले भारत मां हमारे है"।


          जय हिंद जय भारत


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