“इसमें तो कोई शक नहीं कि अश्वघोष में बाल्मीकि के मधुर काव्य का रसास्वादन किया। “इसमें तो कोई शक नहीं कि अश्वघोष में बाल्मीकि के मधुर काव्य का रसास्वादन किया।
कल की बात पुरानी, नये दौर मे लिखेगे हम मिलकर नयी कहानी हम हिन्दुस्तानी। कल की बात पुरानी, नये दौर मे लिखेगे हम मिलकर नयी कहानी हम हिन्दुस्तानी।
कला कोई वाचाल या कर्मकांडी कला नहीं है कला कोई वाचाल या कर्मकांडी कला नहीं है
बात करने पर उन्हें पता चला कि वे एक इंटरव्यू देकर आ रहे थे, बात करने पर उन्हें पता चला कि वे एक इंटरव्यू देकर आ रहे थे,
तेज आप्लावित तेजस्वी चेहरे जो आगे के सफर में बनेंगे समय के साक्षी और बनाएंगे सुनहरा इति तेज आप्लावित तेजस्वी चेहरे जो आगे के सफर में बनेंगे समय के साक्षी और बनाएंगे सुन...
मालिक, मैं पढ़ना सीखा ही नहीं हूं मालिक, मैं पढ़ना सीखा ही नहीं हूं