इन्टरनेट वाले रिश्ते
इन्टरनेट वाले रिश्ते
देखा जाए तो हम सभी सोशल मीडिया के वशीकरण मे पूर्णतः रम चुके हैं और इन्टरनेट जरिया हैं नए लोगों से बात करने का और विचारों को बाँटने का। जाने अनजाने मे हम इंटरनेट के जरिये नए नए लोगों से जुड़ते है, उनसे बातचीत करते हैं, अनुभव और विचारों को सांझा करते हैं, मित्रता, डेटिंग, फ्लर्ट, प्यार और फिर मिलकर शादी तक कर लेेते है। यहाँ तक कि अश्लील बातें, चित्र, ऑडियो-विडियो आदि इन्टरनेट के माध्यम से साझा करने का प्रचार-प्रसार तेजी से बढ़ रहा है जिससे भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर गहरा कुप्रभाव पड़ रहा है।
जहाँ एक तरफ नए अनजान रिश्तों को इन्टरनेट बढ़ावा दे रहा है वहीं दूसरी तरफ परिवार से दूर रहने वाले लोगों को परिवार को समीप ला रहा है। इन्टरनेट के कारण ही रिश्तों से भावनात्मक लगाव कम होता जा रहा है।
नए अनजान रिश्तों का क्षणिक भावात्मक संबंध हमारे साथ और संपर्क मे रह रहे लोगों पर असर डाला है। युवा पीढ़ी इन्टरनेट की इतनी ज्यादा आदी हो चुकी है कि उसे अपने परिवार, मित्रों और रिश्तेदारों के साथ वक़्त बिताने का ख्याल ही नहीं आता और शायद जरूरत भी महसूस नहीं होती जिससे अनजान रिश्तों से बढ़ता लगाव साक्षात अपने जो हमारे साथ हैं उनकी भावनाओं को नहीं समझ पाते और न ही क़दर ही कर पाते हैं।