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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Others

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

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बेतरतीबी में सौंदर्य

बेतरतीबी में सौंदर्य

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बेतरतीबी में में देखती है निगाहें सौंदर्यता के नजारे

हर इक इंसान अपनी अंतस की सुन्दरता के सहारे

जैसे जिसके भाव है मन के उसे सब वैसा ही दिखे

सुन्दरता में भी किसी किसी को बेतरतीबी ही दिखे

नजरिया ही है बनाता इंसान को प्रेम के क़ाबिल

नजरिये से ही निगाहों को होती सुन्दरता हासिल

देह की सजावट नहीं है सुन्दरता ये जान लीजिए

नित प्रयासों से अपने मन को भी तो संवार लीजिए..

सौंदर्य करण सर्वप्रथम अपने ही मन का करे तो भला

जगत ये स्वयं ही हे मानव! तुम्हें सुंदर दिखने लगेगा..



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