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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Inspirational

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Inspirational

ईमानदारी लघु संस्मरण

ईमानदारी लघु संस्मरण

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कुछ समय पहले की एक घटना मुझे बहुत अच्छे से याद है जब मेरा खोया हुआ सामान मुझे वापस मिला था वो भी मेरे घर तक देने आया वो... 


लगभग एक महीना पहले मैं और मेरे पापा बाजार गए थे बहन की शादी की खरीददारी करने....बाजार में सहालक की वजह से काफ़ी भीड़ थी। वही भीड़ में किसी दुकान पर न जाने कहाँ मेरा पर्स और कुछ साड़ियों के पैकेट कहीं खो गए... सामान देखने समझने में मुझे भी पर्स और पैकेट का ध्यान नहीं रहा.. जब ध्यान आया तो सिवाय पछतावे के कुछ हाथ नहीं लगा।


कुछ सामान लेकर उदास मन से हम घर वापस आ गए... धीरे-धीरे वक़्त बीतता रहा और फिर एक दिन लगभग एक महीने बाद एक आदमी मेरे घर आया और सामान दिखाते हुए पूछा.-'मैम ये आपका है'? 

सामान देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.. मैंने हाँ बोलते हुए उससे पैकेट लेते हुए उससे पूछा-'ये आपको कहाँ मिला और मेरे घर का पता कहां से मिला?' 

तब उसने बताया कि ऑटो मे सामान भूल गयी थी पर्स से परिचय पत्र .. और उससे ही पता मिला...


अपना सारा सामान जस् का तस् पाकर मैंने उसे धन्यवाद दिया और उसकी सच्ची ईमानदारी और देशभक्ति की भावना को प्रणाम किया।


उसकी ईमानदारी से मैं भाव विभोर होकर मैंने उसे घर बुलाया और चाय-नाश्ता करवाया। कुछ देर बाद वो वापस चला गया..सच में ऐसे सच्चे देशभक्त और ईमानदार व्यक्ति इस संसार में बहुत कम ही मिलते हैं.. 



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