Kunda Shamkuwar

Abstract Others Tragedy

4.2  

Kunda Shamkuwar

Abstract Others Tragedy

एक लेखक की कैफ़ियत

एक लेखक की कैफ़ियत

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बहुत दिनों से कुछ लिख ही नही पा रहा हुँ।बहुत कुछ लिखने का मन हो रहा था।लेकिन किस पर लिखूं यह पक्का ही नही कर पा रहा था।

मैंने कलम लेकर लिखना शुरू कर दिया।ऑफिस में काम करनेवाली महिलाओं पर लिखना शुरू किया।

लेकिन यह क्या?

कड़कती धूप में सड़कों पर मनरेगा में काम करने वाली औरतें मेरे खयालों में झाँकने लगी।मुझे लगा हम लेखक 'जो दिखता है वही बिकता है' की तर्ज़ पर लिखतें रहते है.....

कड़कती धूप में काम करनेवाली औरतें जो अपने बच्चों को पेड़ की छावं में सुला कर मेहनत मजदूरी करती है। उनकी कोई कहानी हम लेखकों के जहन में क्यों नही आती है?हर बार उन लिपस्टिक लगाकर बैग टाँगकर ऑफिस जानेवाली अंग्रेजी में गिट पिट करनेवाली औरतों पर ही मैं लिखता रहता हुँ।

मैंने कलम बंद कर लिखना रोक दिया और टीवी शुरू किया।टीवी में वही वही खबरें चल रही थी।लिखने का मूड तो अब नही रहा।

दो चार दिन के बाद फिर मेरे अंदर का लेखक जाग उठा।कलम उठाकर फिर लिखना शुरू किया।मैंने दिनभर मनरेगा में काम करने वाली औरत का दिन की रोजी के पैसे लेने के लिए उसका लंबी लाइन में लगना औऱ फिर मजदूरी देते वक्त ठेकेदार की उसके शरीर पर फिरती निगाहों से होनेवाली उसकी कसमसाहट की बारे में लिखना शुरू किया। 

पत्नी चाय लेकर आयी।मेरे मन में घर मे रहनेवाली औरतें और उनकी कहानियाँ कौंध गयी।उनऔरतों की वे निगाहें जो हर बात के लिए पति की तरफ़ देखती रहती हैं।मुझे लगा कि मैं उनपर कुछ भी ना लिखकर जैसे गुनाह कर रहा हुँ।

मेरी कलम फिर से रुक सी गयी।पत्नी अच्छी चाय बनाकर लायी थी।मेरी बन्द कलम को देखकर पत्नी ने रेडियो चला दिया।पाकीज़ा फ़िल्म का मीनाकुमारी वाला गाना बीच से ही शुरू हुआ था।मेरे अंदर के लेखक को अहसास हुआ कि ये मुजरा करनेवाली औरतों की तो ढेरों कहानियाँ होती है।हम लेखक तो कुलीन होते है।हम कैसे लिख सकेंगे भला इन मुजरेवालीयों पर कोई कविता और कहानी?

चाय खत्म कर फिर मैंने लिखना शुरू किया।पत्नी मुझे लिखता हुआ देखकर रेडियो बंद करते हुए चली गयी।

मैं तो ठहरा एक लेखक!

अपनी रोजी रोटी के लिए लिखता रहता है।फिर  मुझे 'मार्केट' का भी ध्यान रखना होता है।क्या चल रहा है आजकल और पाठक क्या पढ़ना चाहते है वगैरह वगैरह।

शायद मेरे अंदर के लेखक ने अब 'मार्केट' के हिसाब से एडजस्टमेंट करना सीख लिया है......

और फिर 'जो दिखता है वही बिकता है' की तर्ज़ पर मैंने बॉलीवुड और टीवी की हीरो-हिरोइन के किस्सों के बारे में लिखना शुरू कर दिया ....



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