दुख्तरी नामह ( बेटी का ख़त )
दुख्तरी नामह ( बेटी का ख़त )
अज़ीज़ ए मा अम्मी व अब्बु बा मादर ए सोहरी ( सास ) व पिदर ए सोहरी ( ससुर ) व आप के अज़ीज़ ए दामाद का सलाम अर्ज़ हैं अससलामु अलयकुम आप खैरियत से तो हैं?
कई दिनों के बाद आज क़ासिद हमारे खानाह में आप का खुतूत लेकर आया तो हम बेहद खुश हुए की अम्मी व अब्बू का खुतूत आया हैं हम काफी दिनो से आप के जवाब ए खुतूत का इंतज़ार कर रहे थे की कब आप का जवाब ए खुतूत आए लेकिन अभी हमे कुछ वक्त पहले ही आप का खुतूत दर दस्त हुआ है
यहां सब खैरियत हैं और आप की दुआओं से सब कुछ बेहद अच्छा गुज़र बशर हो रहा है ।
इंतहाई खुशी के साथ अर्ज़ हैं की आप के नवासे उमर अब क़दम बढ़ाने लगे हैं और हर पल अपने नाना अब्बू और नानी अम्मी की सदा अपनी जुबां से बुलंद करने लगे हैं जब अपने वालिद के शानहो पर बुलंद होते हैं तो हमे अक्सर अब्बू की याद आती हैं कि किस तरह उन्होंने हमे भी हमारे दौर ए बचपन में अपने शाहनो पर सह सवार किया हैं .
जब सु ए बाज़ार हमारी उंगली पकड़ कर चलते हैं तो हम उन्हे देख कर इंतहाई खुश होते हैं और हमे आप का ख्याल ओ तसव्वुर होता है कि हम किस तरह सर ए बाज़ार आप की उंगली पकड़ कर चलते थे और किस तरह आप से ज़िद्द किया करते थे। हम आप को बहुत याद करते हैं हर लम्हे कुछ बाते ऐसी गुज़र होती हैं जो हमे आप से जोड़ देती हैं और इसका जरा भी ख्याल ओ सूरत होने नहीं देती की आप हमसे दूर हो हम जब सहर में महव ए कार होते हैं तो अक्सर इस ख्याल में रहते हैं कि अम्मी के घर इस वक्त हम सोते रहते थे। लेकिन आज हम खुद एक अम्मी की हैं सियत बा खूब शनाशा हुए हैं की कार ए अम्मी इंतहाई मुश्किल व जिम्मेदारी से भरा होता है.
हम अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि अल्लाह ने हमे आप जेसी वालदा अता की है और आप जितना प्यार देने वाली मादर ए सोहरी ( सास ) अता की है और हाँ
अब्बू की सेहत कैसी है? कुनम खूब बहतर अज़ फरदा ख्वाहद ( हमारे ख्याल से पहले से काफी अच्छी होगी ) अल्लाह हमारे अब्बू को सेहत अता फरमाए और उनके कार ओ घर में खूब बरकत अता फरमाए। आप के दामाद कुछ दिन पहले आप की तारीफ कर कह रहे थे की कुछ मशरूफियात से फारिक हो जाने के बाद वोह हमे कुछ वक्त के लिए आप के घर लेकर आएंगे , हम भी आना चाहते हैं वहा आकर हमे काम भी बहुत हैं बाज़ार से आप के कान के बूंदों की तरह बूंदे भी बा खरद करने हैं और भी कई काम हैं आप से कुछ सालन के मरहले में भी कुछ गुफ्तगू करनी है और बहुत कुछ और।
हमे बा वक्त आप के दीगर जवाब ए खुतूत का इंतज़ार रहेगा अपना और अब्बू का ख्याल रखिएगा
अल्लाह हफीज़ ।।
आप की प्यारी बेटी
