डर
डर
शहर से लौटने मे सारा को देर हो गयी। बस स्टेशन से उसका घर करीब 500 मीटर की दूरी पर था पर यहा 500 मीटर का रास्ता बहुत ही सुनसान था और रास्ते मे एक कब्रिस्तान भी पड़ता था। जिसके सामने से गुजरते समय सारा को दिन में भी डर लगता था पर क्या करती आज तो उसे रात के समय उसके सामने से गुजरना पड़ेगा। जबसे उसके बड़े भाई की मौत हुई है तबसे उसे बापू की दुकान का सामान लेने शहर जाना पड़ता है। पहले ये काम भाई करता था पर उसकी अचानक मौत से उसका परिवार बिखर गया कई महीनें तो बापू ने दुकान ही नहीं खोली। घर में फांके पड़ गये। उनकी कपड़ों की छोटी सी दुकान थी पर अच्छी चलती थी। दुकान के लिए कपड़े लेने वो लोग दिल्ली जाते थे। भाई की मौत के बाद जब बापू ने हिम्मत हार ली तो अपने छोटे भाई और बहन की परवरिश जारी रखने के लिए सारा ने भाई की कमी को पूरी करने की ठानी और उसने शहर जाकर कपड़े लाने शुरू कर दिये। हमेशा वह अंधेरा होने से पहले आ जाती थी पर आज ही देर हो गयी। घर पर सब लोग उसकी राह देख रहे होंगे। वह तेज कदमों से घर की ओर चली जा रही थी तभी उसकी नजर सामने से आते चार नशेडि़यों पर पड़ी वो झूमते चले आ रहे थे।
सारा इन बदमाशों को पहचानती थी। ये एक नंबर के शराबी , छिछोरे और अपराधी प्रवृत्ति के थे। सारा उनके सामने नहीं पड़ना चाहती थी पर उनकी नजर सारा पर पड़ ही गयी। उन्होंने हंसकर एक दूसरे को देखा और सारा की तरफ दौड़े। कोई रास्ता न देख सारा वापस भागी और मोड़ पर आकर उसे वही कब्रिस्तान दिखा जिससे उसे डर लगता था पर इस समय उसके पीछे जो भूत पड़े थे वो कब्रिस्तान सो रहे भूतों से ज्यादा खतरनाक थे। वह कब्रिस्तान में घुस गयी और एक कब्र के पीछे छुप गयी।
"अबे कहां गयी बे ? इधर ही तो आई थी। "
"कहीं कब्रिस्तान में तो नहीं गयी।"
"अबे कब्रिस्तान में लोग दिन में जाने से डरते हैं ये तो घनी काली रात है। "
" चल चलकर देखते हैं। "
"यार कब्रिस्तान के नाम से तो मेरा सारा नशा ही उतर गया। "
"चल उधर देखते हैं वहीं गयी होगी। "
इस तरह एक दूसरे को समझाते हुए वो कहीं दूर चले गये। उनकी दूर होती आवाज से सारा को राहत मिली। वह उठी और कब्रिस्तान पर नजर डाली। फिर मुस्कुराई और जिस कब्र के पीछे वह छुपी थी उससे हाथ जोड़कर बोली।
"शुक्रिया मेरी जान बचाने के लिए। आज पता चला कि सबसे भयानक भूत तो जिंदा लोग होते हैं। आप कब्र में सोये मासूमों को नाहक ही बदनाम किया जाता है। "
सारा वापस घर की ओर चल पड़ी वो लड़के दोबारा उसे नहीं मिले।