डियर डायरी
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पांच अप्रैल को संकल्प, समर्पण, समर्थन और सहयोग की दीवाली पूरे हिंदुस्तान ने मनाई। सभी ने रात के 9:00 बजे अपने घरों में दीप जलाकर कोरोना से लड़ने, लॉक डाउन के नियमों का पालन करने और इस लड़ाई में मोदी जी का साथ देने का संकल्प लिया।
मोदी जी ने दीप ज़लाया। योगी जी ने दीप जलाया। दीप पर्व यह नौ मिनट का।
खुशी खुशी हम सबने मनाया। आज सुबह दैनिक जागरण की टॉप खबर यही थी। और सिर्फ जागरण ही नहीं, बल्कि देश के सभी अखबारों ने 9 मिनट की इस दीपावली का बहुत ही खूबसूरत चित्रांकन किया..!
एक बुरी खबर भी पढ़ने को मिली, कि हमारे लखनऊ में आज सात जमाती संक्रमित पाए गए। इन जमातियों के कारण लखनऊ में सख्ती और बढ़ा दी गई। वैसे लखनऊ में स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में थी, लेकिन इन जमातियों ने परेशानी बढ़ा दी..! और हद तो तब हो गई, जब कुछ मुस्लिमों ने एक इंसान को केवल इसलिए जान से मार दिया गया, क्योंकि उसने तब्लीगी ज़मात वालों को कोरोना फैलाने का ज़िम्मेदार बताया, जबकि इस सच से आज पूरा हिंदुस्तान वाकिफ़ है..! लखनऊ में शिया धर्मगुरु "कल्वे जव्वाद" ने भी कहा है, कि कुरान में इंसानियत की हिफाजत की बात पर बल दिया गया है। नमाज के पढ़ने लिए जरूरी है जिंदा रहना..!
और जिंदा रहने के लिए डॉक्टरों व हुकुमत के सुझाव को मांगने में ही सबकी भलाई है। काश, ये तब्लीगी भी इस सच्चाई को स्वीकार कर सरकार को सहयोग देते, तो आज स्थिति इतनी बिगड़ने न पाती..! "जान है, तो जहान है..!" तो भैया, आज तो हम भी अपनी लेखनी को यहीं विश्राम देते हैं और अपनी आंख, कान, नाक मुँह सब बन्द कर लेते हैं, क्योंकि क्या पता, अगर किसी सिरफिरे ने मेरा यह लेख पढ़ लिया, तो क्या होगा मेरा..! दोस्तों, हम बहुत ही भावुक प्रवृत्ति के इंसान हैं, इसलिए जा रहे हैं दुआ करने, खुद के लिए भी और आप सबके लिए भी, जिससे सबका भला हो, किसी का बुरा ना हो, सभी अपने होश में रहे, घर में रहें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और कोरोना से बचकर रहें..!