डिअर डायरी : डे 7
डिअर डायरी : डे 7


डिअर डायरी
भारत पर कोरोना का संकट बढ़ रहा है। 1600 के आंकड़े को पार कर चुका भारत जैसे गुमसुम सा हो गया है। कुछ कसूर नहीं है उसका, फिर भी इतने पॉजिटिव केसेस। चीन ने जैसे मानव शरीर को ही बम बना दिया हो : मानव -बम। जो यदा कदा कभी भी फट सकता है। बाहर निकले हमारे कदम मौत को घर ला रहे हैं। ऐसा महसूस होता है कि हमारी मौत से बड़ी बड़ी कंपनियों को कोई फर्क ही नहीं पड़ता जैसे, और वाकई में नहीं पड़ता। जब बड़े बड़े लोग मर रहे हैं, तो आपकी बिसात क्या है ?
चीन ने सारे देश को ये बीमारी दी है। जानकर विश्लेषण कर रहे हैं। बीजिंग में कोई केस क्यों नहीं ? रूस में कोई केस क्यों नहीं ? यूनाइटेड स्टेट्स को पस्त करने की होड़ में चीन लोगो की जान से खेल रहा है। फिर वही चीन मास्क और सांइटिज़ेर का अपना मार्किट चला रहा है।
भारत की सरकार हाथ जोड़ कर अपील कर रही है,
पुलिस वाले रो रहे हैं लेकिन जनता को अकल नहीं आ रही है। कहीं पुलिस की नाक के नीचे जमघट लगे है तो कहीं मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टर पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन में प्रवेश कर चुके हैं, जहाँ पार सोर्स का पता नहीं होता। लोग किसी न किसी काम से घर के बाहर निकल जाते हैं। मेरी कहानी भी इससे अलग नहीं है, अव्वल तो मुझे बैंक जाना ही है ; फिर मम्मी कुछ न कुछ छोटा सा काम बता देती हैं।पर २ दिन से ऑफिस के अलावा मैं कहीं भी नहीं गयी। और राशन का कुछ न कुछ सामान तो हम रोज़ ही खरीद रहे होते हैं। अच्छा नहीं लगता ; बार बार मना करना लेकिन करना पड़ता है ;ज़रूरी है लेकिन। पता नहीं और कितने दिन बच पाएंगे हम ; इस महामारी से। हर कलेक्टर अपने जिले को बचाने में जी -जान से लगा हुआ है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ जी का गुस्सा भी वाजिब मालूम देता है।
लोगों की बेवकूफी से भरी सोच देखकर हंसी आ जाती है कि अगर एयरपोर्ट पर ही रोक लेते तो इतनी मेहनत न करनी पड़ती। इस वायरस में ५ टेस्ट के बाद भी बन्दे की स्तिथि मालूम नहीं चल पा रही है। कनिका कपूर ५ टेस्ट पॉजिटिव देने के बाद भी ठीक ठाक है ; तो कुछ लोग २ दिन में अपनी जान गँवा रहे हैं।
समझ नहीं आ रहा कितने दिन की ज़िंदगी है।
गुड नाईट डिअर डायरी।