डे 37 : डेमोक्रेसी या तानाशाही
डे 37 : डेमोक्रेसी या तानाशाही


डिअर डायरी,
डे 37 : डेमोक्रेसी या तानाशाही :30.04.2020
आज फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का देहांत हो गया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को सम्बल एवंशक्ति प्रदान करे कि वो इस दुखद परिस्थिति को जी सकें।
एक बहुत जरूरी बात बताना चाहती हूँ अपने ब्लॉग के माध्यम से, लेकिन नेक्स्ट डायरी एंट्री में लिखूंगी उसको। आज सारा विश्व एक ही महामारी से लड़ रहा है। वहां कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका सारा दिन तू -तू मैं -मैं में निकलजाता है। कुछ लोग अपने परिवार के साथ पूरा समय व्यतीत कर रहे हैं, और लॉक डाउन उनके लिए एक अच्छा समय लेकर आया है।
पता नहीं कौन सा जैविक हथियार लेकर आया है चीन कि कुछ समझ नहीं पा रही है दुनिया। एक बात से अनजान हूँ कि अपने ही लोगों को मार कर किस के तानाशाह बनोगे आप ? चीन के लोग स्वस्थ तो नहीं दिखते ; जो तानाशाह अपने डॉक्टरो की जान ले चुका हो, वो दुनिया को सच तो नहीं बताएगा. भारत डेमोक्
रेसी है, ये जानते हैं हम सभी ; लेकिन सरकार की कुछ नीतियां समझ से परे हैं। जैसे, असली आंकड़ों को छुपाना, विदेशी नीतियों में जनता की आंशिक भागीदारी का होना, आदि।
देखिए, एक सरकार को हम चुनते हैं, वो डेमोक्रेसी है। लेकिन फिर उसकी नीतियों का हमसे साझा न होना ; अराजकता है। केहने का मतलब है कि उन २० - २५ लोगों की कैबिनेट की नीतियों का आपसे साझा न होना, एक तरह की तानाशाही ही है। मीडिया का सरकार की मुट्ठी में होना अराजकता है. मेरे इंटरनेट का अचानक बंद हो जाना, डेमोक्रेसी की किस श्रेणी में आएगा ?
एक डेमोक्रेटिक देश भी तानाशाह हो सकता है, आपके वो चुने हुए लोग अपनी सत्ता बना लेते हैं, तब आपकी वोटिंग का कोई वजूद नहीं है।
कुछ सोच मेरी ऐसी है ,
ऐ देश ! तेरी हालत कैसी है ?
ज़ंजीरें है कि आज़ादी का जूनून है
तुझे मेरी बातों का सुकून है
कुछ सोच मेरी ऐसी है,
ऐ देश ! ये तेरी आँखों में आज नमी कैसी है ?