Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Vijaykant Verma

Abstract

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Vijaykant Verma

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डेली डायरी (26/03/2020)

डेली डायरी (26/03/2020)

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जीवन में हर इंसान को अपने दुख सुख के पलों को डायरी में जरूर नोट करना चाहिए। क्योंकि जब कोई आपके साथ न होगा, तब यह डायरी आपके दोस्त की तरह आपके पास होगी और इसे देखने पढ़ने से बहुत सुकून मिलेगा आपको, मेरा ऐसा अनुभव है। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम अपने बीते हुए खूबसूरत पलों को भूल जाते हैं और उन्हें याद करने की काफी कोशिश करते हैं, लेकिन याद नहीं आते। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इंसान की उम्र, उसकी सोच और उसके याद करने की क्षमता हमेशा एक सी नहीं होती। वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है। ऐसी बचपन की बहुत सी यादें हैं, जो अधूरी है। अब सोचता हूं कि काश, में बचपन से ही अपनी डायरी को मेंटेन करता, तो इस अधूरेपन का आज मुझे एहसास न होता, क्योंकि हमारा अधूरापन भी हमें प्रेरणा देता है, हमें दिशा देता है, और हमारा मार्गदर्शन करता है।

आज जब सुबह सुबह मैं उठा, तो सूरज महोदय आकाश में पहले से ही विराजमान थे। मतलब मुझे उठने में कुछ देर हो गई, और उसका मुख्य कारण था डायरी को मेंटेन करना..! क्योंकि डायरी अक्सर रात में ही लिखी जाती है, जिससे कि पूरे दिन की सभी महत्वपूर्ण बातों को हम इसमें लिख सके। और कल रात डायरी लिखने में मुझे काफी देर हो गई थी, जिस कारण मैं देर से सोया था। सुबह नाश्ता करने के बाद मैंने देखा कि आटा खत्म हो गया है। लॉकडाउन की वजह से बहुत सी दुकानें बंद थी। मैं हमेशा घर में चक्की से आटा लाता हूं। एक दिन पहले भी मैं चक्की गया था, लेकिन चक्की बंद थी। तब मैं अपने बड़े भाई के यहां से थोड़ा आटा ले आया और मेरा काम चला। इस संदर्भ में आपको एक मजेदार बात बताऊँ। जब हमारे प्रधानमंत्री जी ने 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा की, तब लखनऊ के बाजारों में खरीदारों का हुजूम दुकानों पर पहुंच गया। सब जगह अफरा-तफरी मच गई। लोग पूरे महीने का राशन खरीद खरीद कर भरने लगे। दुकानदारों ने भी इसका खूब फायदा उठाया। जो आलू शाम तक ₹20 किलो मिल रहा था, वही आलू रात में ₹80 किलो तक पहुंच गया।प्याज ₹20 से ₹50 और इसी प्रकार सभी सामानों के रेट आसमान छूने लगे..! ₹80 किलो की दाल ₹120 के रेट से मिलने लगी। यह बहुत अफसोस जनक है, की आपदा के समय जहां हमें एक दूसरे का साथ देना चाहिए, सहयोग करना चाहिए, मदद करनी चाहिए, वहीं ऐसे समय में कुछ लोग इंसान को लूटने का काम करते हैं और अपनी तिजोरी भरने का..! फिर दूसरे दिन एक और हैरान करने वाली खबर आई, कि लखनऊ में दुकानें सिर्फ सुबह 5:00 बजे से 8:00 बजे तक ही खुली रहेंगी। इस खबर को सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं बाहर निकला, तो देखा दुकानों में भीड़ लगी थी। एक तरफ यो सरकार का आदेश था, कि हमें डिस्टेंस बना कर रखना है, कम से कम 1 मीटर की दूरी का। और दूसरी तरफ इस तरह के आदेश थे, कि दुकानों पर भीड़ उमड़ रही थी और इस डिस्टेंस के रूल को फॉलो करना लगभग नामुमकिन था। तभी दोपहर में डीएम का नया आदेश आया कि अब सारी दुकाने सुबह 5:00 बजे से रात के 11:00 बजे तक खुली रहेगी। इस आदेश से सभी ने राहत की सांस ली और इसके बाद ही डिस्टेंस रूल को फॉलो करना संभव हो सका। क्योंकि तब किसी को सामान लेने की जल्दी नहीं थी। अब अपनी सुविधानुसार कोई किसी भी समय सामान ले सकता था। हम शुक्रगुजार हैं अपने डीएम साहब के, कि ऐसे नाजुक समय में उन्होंने एक सही निर्णय लिया। और इस संदर्भ में बाद में हमने उनका शुक्रिया भी अदा, किया व्हाट्सएप के माध्यम से। आटें का भाव पिछले दो-तीन महीनों से ₹26 प्रति किलो था, लेकिन उस दिन जब मैं चक्की पर 2 किलो आटा लेने गया, तो उसने मुझसे ₹56 मांगे। मैंने कहा मैं ₹26 प्रति किलो आटा लेता हूं फिर ₹56 क्यों दूं..? बाद में चक्की वाले ने मुझे ₹52 में ही आटा दिया और मैं आटा लेकर अपने घर आ गया। मुझे इस बात से बहुत दुख पहुंचता है जब मुसीबत की घड़ी में कुछ लोग आम इंसानों को लूटने का काम करते हैं और उनके पेट की रोटी छीनने का प्रयास करते हैं..! मुझे सब्जी की ज्यादा चिंता नहीं थी, क्योंकि आज घर के सामने जो सब्जी बेचने आ रहे थे, उन्होंने सब्जी की कीमत चार गुना तक बढ़ा दी थी और मेरी इतनी औकात नहीं थी, कि मैं इतनी महंगी सब्जी खरीदता।लेकिन एक बहुत अच्छी बात यह थी, कि लॉकडाउन के सिर्फ दो दिन पहले मैंने 2 किलो आंवले का अचार और आधा किलो अदरक का अचार खरीद लिया था और इस कारण सब्जी की समस्या हल हो गई थी। क्योंकि चावल दाल के साथ आंवले का अचार या रोटी के साथ आंवले का अचार हो, तो बिना सब्जी के भी काम चल जाता है। और इसीलिये मैंने इतनी महंगी सब्जी नहीं खरीदी और बिना सब्जी के भी पूरे स्वाद के साथ खाने का मजा लिया। भोजन के उपरांत कुछ समय मैंने आराम किया और फिर अपनी कुछ प्रकाशित रचनाओं का जो मैंने संग्रह किया था, उनकी कटिंग कर उन्हें एक फाइल में टैग किया। फिर स्टोरी मिरर के लिए एक कविता लिखी। यू ट्यूब में कुछ पुराने गाने सुने, जो मुझे बहुत पसंद है। और फिर कब रात हो गई, मुझे पता ही ना चला। आज की डायरी यहीं तक। मुझे उम्मीद है कि कल का दिन अच्छा गुजरेगा। वैसे आज की रात हमने एक संकल्प भो लिया है~ किसी की ज़रूरत में काम आने का..! किसी के दुख-दर्द में साथ देने का..!!


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