डायरी पहला दिन
डायरी पहला दिन


प्रिय डायरी कोविद १९ यानी कारोना वायरस धीरे धीरे पाँव पसार रहा है। चीन के वुहान शहर से शुरू हो ये वैश्विक महामारी अब विश्व भर में अपना कहर बरसाना शुरू कर रही है। यही वजह है की भारत में मार्च बाईस तारीख़ रविवार को एक दिन का बंद रखा गया परंतु एक दिन का बंद काफ़ी नहीं था इस महामारी को फैलने से रोकने के लिये और फिर फ़ैसला हुआ की पच्चीस मार्च से चौदह अप्रेल तक भारत मे लॉक्डाउन रहेगा।
प्रिय डायरी इस घोषणा के बाद बड़ी अफरा तफरी का माहौल था। एक तो त्योहार का समय माता रानी के नवरात्रि ऊपर से लॉक्डाउन लोग बहुत हतास दिख रहे थे पूरा दिन। आज से ऑफ़िस नहीं जाना था इसलिए भी थोड़ा अजीब लग रहा है। वैसे तो ठीक ही है जितना घर मे रहेंगे उतना बचे रहेंगे इस वायरस से जो छींकने।खाँसने और संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क से हो रहा है। बार बार सूचना जारी हो रही है बीस सेकेंड तक साबुन से हाथ धोयें। सेनीटयज़र का प्रयोग करें। खाँसते या छींकते वक्त कोहनी को मोडें।. अपने हाथ मुँह और आँख ना छुएँ।
माता रानी तुम्हारे नवरा
त्रि भी आज से ही शुरू हैं जिस दिन से ये लाक्डाउन शुरू हुआ है। हे माँ अपने बच्चों पर अपने आशीर्वाद की कृपा बनाए रखना। कहाँ कितना असर छोड़ेगी ये महामारी पता नहीं।. इतनी शक्ति देना दाती की हम इस महामारी को जड़ से ख़त्म कर इस पर विजय प्राप्त कर लें।
प्रिय डायरी आज पूरा दिन काम मे खबरें सुनने मे और कारोना की जानकारी जुटाने मे ही गया। बाहर झांका तो लोग नियम पालन करते नज़र नहीं आए। बहुत से व्यक्ति बहार यहाँ वहाँ घूम रहे थे। जब तक कोई चीज हमे हताहत नहीं कर देती हम उसकी गम्भीरता को समझते ही नहीं की क्यूँ सरकार ने इक्कीस दिन का लॉक्डाउन घोषित किया। कितना आर्थिक नुक़सान होगा फिर भी लॉक्डाउन इसका मतलब कुछ गंभीर बात है पर सुने कौन। प्रिय डायरी जो लोग इस समय भी कहना नहीं मानते वो समाज पर बोझ होते हैं और इसका ख़ामियाज़ा सारा समाज भुगतता है। हे माँ उन्हें सदबुद्दी देना और मेरे देश को ही नहीं सम्पूर्ण विश्व को इस कारोना रूपी महामारी से बचाना।
मुझे भरोसा तेरा माँ
तू ही संवारेगी बिगड़ी माँ।