लॉकडाउन पन्द्रहवाँ दिन
लॉकडाउन पन्द्रहवाँ दिन


प्रिय डायरी
दुनिया में बहुत कुछ घटित हो रहा है... कोविद१९ महामारी से लॉक्डाउन है पर जन्म और मरण पर कोई भी प्रतिबंध नहीं लगा सकता ऐसे ही जो कार्य जब होना है होगा ही ये और बात है की उसके दायरे सीमित हो जाएँगे... प्रिय डायरी तुम सोच रही होगी की आज इतनी पहेलियाँ क्यूँ बुझा रही हूँ मै तो सुनो प्रसिद्ध अभिनेता इरफ़ान खान जी का देहान्त हो गया है उनके टेलिविज़न की दुनिया से सिनेमा तक के शानदार सफर का आज अंत हो गया है... सिनेमा और थियेटर जगत मे एक क्षति जिसे कोई पूरा नहीं कर सकता... मेरी विनम्र श्रधांजलि।
प्रिय डायरी आज ही के शुभ दिन बाबा केदारनाथ जी के कपाट भी खुल गये हैं फूलों से सुसज्जित मन्दिर तो अपनी भव्यता लिये खड़ा है पर आज वो रौनक नहीं भक्त भी हैं भक्ति भी है पर आज इस महामारी की वजह से राह कठिन हो गई है घर पर रह पहले इस बीमारी से लड़ना है... नारों की जयकार थम गई है कहीं पर यहीं से कहते हैं जय बाबा केदारनाथ जी की, सर्वशक्तिमान हैं शिव अब उनके कपाट खुल गये हैं उनके दरबार में हाज़री लग गई है तो वो इस विपदा का निवारण भी जरूर करेंगे... जिन्होंने मानव कल्याण के लिये विष को ही अपने कंठ में धारण कर लिया उन भोले शंकर से नतमस्तक प्रार्थना है प्रभु अब ग्रहण करो ये प्रथम पूजा और उद्धार करो अपने भक्तों का... डमरू की थाप से ढँक दो विश्व ऐसा की ये महामारी कारोना भागे त्राहि माम त्राहि माम करते हुए। त्री नेत्रधारी खोलो अपना तीसरा नेत्र भस्म कर दो इस कारोना को बरसाओ अपने आशीष हे जगदीश परमपिता परमात्मा अब तुम्हारा ही एक सहारा है....
प्रिय डायरी आज इतना ही भोले शंकर तक अपनी अर्ज़ी पहुँचाती हूँ की संसार का कष्ट निवारण करो प्रभु... इस कारोना की मार से बचाओ....
जागो हे महेश्वर
डग मग इस पृथ्वी को
अब कवच तुम्हारा चाहिए
सब कर हार गये हैं सभी
अब साथ तुम्हारा चाहिये।
हर हर महादेव.... जय बाबा केदारनाथ जी की।