भागीरथी पर संकट
भागीरथी पर संकट


'दोस्तो, भागीरथी नदी के उत्तर में बसे उत्तरकाशी शहर के शीर्ष पर वरुणावत पर्वत विराजमान है,लेकिन पिछले एक साल से भागीरथी के किनारे एक और पहाड़ खड़ा हो रहा है। यह पहाड़ है उत्तरकाशी शहर और आसपास की आबादी से निकलने वाले कूड़े का, जो धीरे-धीरे भागीरथी की ओर फैल रहा है।'
'यह कूड़ा तो वाकई चिंताजनक विषय है इस पर गम्भीरता से विचार करना होगा।'
'इस कूड़े के प्रबंधन हेतु पालिका क्षेत्र में करीब 360 वर्ग गज भूमि है, जहां पालिका को कूड़ा प्रबंधन के लिए संयत्र स्थापित करना है।जिसके लिए शासन से एक करोड़ की धनराशि मांगी है, किंतु बजट के अभाव में यह कार्य नहीं हो पा रहा।'
'अत्यावश्यक कार्यों के लिए किसी भी तरह बजट को पास होना चाहिए।
बाडाहाट (उत्तरकाशी) नगर पालिका क्षेत्र से हर दिन 20 से 25 क्विंटल कूड़ा एकत्र होता है यहां घर-घर से कूड़ा एकत्र करने की जिम्मेदारी जीरो वेस्ट कंपनी की है। जबकि, शहर में सफाई की व्यवस्था पालिका स्वयं संभालती है।शहर से निकलने वाला सारा कूड़ा तांबाखाणी के पास भागीरथी नदी से 20 मीटर की दूरी पर डंप किया जा रहा है।
' यह तो समस्या का समाधान नहीं हुआ।'
'इसके चलते उत्तरकाशी बाजार के एक छोर से दूसरे छोर तक कूड़े का पहाड़ खड़ा हो रहा है। हां, इतना जरूर है कि जीरो वेस्ट कंपनी के कर्मियों ने इस कूड़े से कुछ प्लास्टिक एकत्र कर उसे कांम्पेक्ट किया इसे पालिका ने ₹19,000 में बेचा। नगर पालिका समय पर कूड़ा संयंत्र लगाती तो कई गुना कमाई भी करती। लेकिन मुश्किल यह है कि पालिका के पास लगाने का बजट ही नहीं है।'
'क्या कोई और उपाय नहीं निकाल सकता ?'
कूड़े की छंटनी किल वेस्ट मशीन और काम्पेपक्टर लगाए जाने की तैयारी चल रही है।धनराशि मिलने पर काम शुरू होगा।
' अगर ऐसा नहीं हुआ तो परिणाम भयंकर होंगे।'
हाां, कूड़े का पहाड़ खड़ा होने से नदी के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया है। बारिश होने पर यह कूड़ा सीधे भागीरथी में पहुंचेगा ,इससे नदी प्रदूषित तो होगी ही, निर्मल गंगा अभियान को भी झटका लग सकता है।